JAMSHEDPUR: दिवाली को लेकर जुगसलाई स्थित पटाखा बाजार सजकर तैयार हो चुका है। जहां बड़ी संख्या में लोग जाकर पटाखों की खरीदारी कर रहे हैं। बताते चलें कि शहर में जुगसलाई से आस-पास के जिलों में भी पटाखा भेजा जाता है। लेकिन इस बार परमीशन लेट मिलने के कारण अभी बाजार में कोई खास रौनक नहीं दिखाई दे रही है। पटाखा व्यापारी असप्रीत सिंह ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार देर से परमीशन मिलने का असर बाजार में साफ दिख रहा है। लेकिन एक दो दिन बाद इसमें रौनक आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यहां से बड़ी संख्या में चाईबासा, सरायकेला और बंगाल के कई जिलों में पटाखा भेजा जाता है। दीवाली में पटाखा जलाने के शौकीन लोग पटाखों की वैरायटी और रेट से रूबरू हो रहे है। बाजार में इकोफ्रेंडली पटाखों के साथ ही सुवा चटाई, शॉट गन और ऊन और सुतली बम को पंसद कर रहे है।

जलने का खतरा नहीं

इस बार मार्केट में ग्रीन और इकोफ्रेंडली पटाखों की भरमार है, जिनमें बच्चों को किसी तरह जलने का भी खतरा नहीं है। लहसुन के आकार के ग्रीन पटाखे आसानी से जमीन पर छोड़ने पर बिना धुआं दिये आवाज करते है। जिन्हे छोटे बच्चों के साथ ही महिलाएं भी खूाब पसंद कर रही है। इसके साथ ही बाजार में धोनी और सचिन बन भी युवाओं को पंसद आ रहे है। कई लोग चटाई तो कोई राकेट और फुलझड़ी की खरीदारी कर रहा है।

डिस्को रॉड से नहीं जलेंगे बच्चे

बाजार में बच्चों को सुरक्षित दीवाली मनाने के लिए इस बार डिस्को राड आया है। बालू और बारुद से बना यह डिस्को राड को बालू साइड में पकड़कर बच्चे भी इसको आसानी से जला सकते है। पटाखा व्यापारियों ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर कम से कम बारूद वाले पटाखे बनाये जा रहे है। जिसमें धुआं के साथ ही लोगों को पटाखों का आनंद मिल सके।

10 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद

पटाखा कारोबारी सौरभ बरवालिया ने बताया कि अभी बाजार में मंदी का असर है लेकिन एक दो दिन में इसमें रौनक आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अभी लोग पहले की तरह पटाखा नहीं जलाते है लेकिन दीवाली बिना पटाखे के तो अच्छी ही नहीं लगती है। उन्होंने कहा कि बारूद आदि का रेट और बनाने वालों की कमी के चलते ही पटाखों के रेट में वृद्धि हुई है। लेकिन इस बार व्यापारियों को बाजार से 10 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद है।

किस पटाखे की कितनी कीमत

सीको पटाका- 900 रुपये के सौ पीस

चाकलेट बम- 220 रुपये डिब्बा

सुतली बम- 200 रुपये में 12 पीस

फोल कलर टार्च- 200 रुपये 10 पीस

चटाई 500 पीस- 200 से 1000 रुपये तक

चटाई- 1000 पीस-200 से 800 रुपये तक

चटाई- 5000 पीस 500 से 1200 रुपये तक

चटाई- 10,000 पीस 1000 से 1800 रुपये तक

ग्रीन पटाखा- 350 रुपये में 50 पीस

अनार- 400 रुपये के 20 पीस

चकरी- 50 रुपये से 200 रुपये 200 पीस

राकेट- 50 रुपये 450 रुपये तक 10 पीस

फुलझड़ी 10 रुपये डिब्बा से 200 रुपये डिब्बा तक

डिस्को रोड- 700 रुपये में 100 पीस

फ्लावर पॉट अनार- 400 रुपये के चार पीस

नलकी सीको- 50 रुपये 200 रुपये तक बंडल

कलर पिस्तौल- 100 रुपये में 12 पीस

ब्लॅक पिस्तौल- 70 रुपये में 12 पीय

रस्सी पटाखा- 210 रुपये में 10 पीस

ऊन बम- 80 रुपये के 12 पीस

सचिन बम-100 रुपये में 12 पीस

धोनी बम- 600 रुपये में12 पीस

मल्टी शॉट गन- 160 रुपये से 2000 रुपये तक

बाजार में इस बार परमीशन लेट मिलने के कारण दुकाने देर से लग सकी है। बाजार में मंदी के कारण अभी रौनक नहीं दिख रही है। लेकिन एक दो दिन में पटाखा बजार में रौकन दिखने लगेगी। इस बार की मार्केट से व्यापारियों को 10 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद है।

सौरभ बरवालिया

पटाखा व्यापारी जुगसलाई

बाजार में पिछले साल की अपेक्षा भीड़ कम दिख रही है। लेकिन बाजार से हमें बहुत ही उम्मीद है, पूरे साल में दीवाली ही एक ऐसा समय होता है जब पटाखा बाजार में रौनक होती है। शहर के साथ ही तीन से चार जिलों के ग्रामीण भी जुगसलाई से पटाखा लेते है।

असप्रीत सिंह

पटाखा व्यापारी जुगसलाई