नई दिल्ली (पीटीआई)। संसद में गुरुवार को मोदी सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018-19 आ गया है। यह आर्थिक सर्वेक्षण बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया है। आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। यहां पढें आर्थिक सर्वेक्षण की खास बातें...

जीडीपी की वृद्धि दर 7 प्रतिशत

चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह पिछले वित्त वर्ष 6.8 प्रतिशत थी।

खपत से आर्थिक वृद्धि का अनुमान

चालू वित्त वर्ष 2019-20 में निवेश और खपत से आर्थिक वृद्धि होने का अनुमान है।

8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर  

2024-25 तक 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए  8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत है।

भारी जनमत भी काफी बेहतर है

राजनीतिक तौर पर भारी जनमत आर्थिक वृद्धि के लिहाज से काफी बेहतर है।

निवेश के क्षेत्र में तेजी बहुत जरूरी

मांग, रोजगार, निर्यात और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी के लिए निवेश बहुत जरूरी है।

लोन में भी तेजी दिख रही

निवेश के क्षेत्र में सुधार हो रहा है। लोन में भी तेजी देखने को मिली है

 

कच्चे तेल के सस्ते होने की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो सकती है। इससे खपत बढ़ेगी।

राजकोषीय घाटा उम्मीद से ज्यादा

पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सामान्य सरकारी राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत देखा गया। यह पिछले वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत था।

निर्यात में 12.4 प्रतिशत वृद्धि

पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आयात में 15.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और निर्यात में 12.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।  

खाद्यान उत्पादन 283.4 मिलियन टन

पिछले वित्त वर्ष  2018-19 में खाद्यान उत्पादन 283.4 मिलियन टन तय हुआ।

 

422.2 अरब डालर रहा विदेशी मुद्रा

जून 2019 में विदेशी मुद्रा का आरक्षित भंडार 422.2 अरब डालर रहा।

उत्पादकता बढ़ाने वाली नीतियां हों

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) की वृद्धि, रोजगार सृजन और उत्पादकता बढ़ाने वाली नीतियां हो।

नई कंपनियों को बढ़ाने की नीतियां

एमएसएमई की छोटी फर्में जो छोटी ही बनी रहतीं हैं। उनकी जगह पर बड़ी कंपनी बनने की क्षमता रखने वाली नई कंपनियों के लिए नीतियों की आवश्यकता है।

सेवानिवृति आयु बढ़ाने की जरूरत

उम्रदराज होती आबादी के लिए विशेष कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बढ़ाने और चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृति आयु बढ़ाने की जरूरत की भी जरूरती है।

कांटैक्ट इंफोर्समेंट बड़ी प्राॅब्लम

कांटैक्ट इंफोर्समेंट कारोबार सुगमता रैंकिंग में सुधार के रास्ते में सबसे बड़ी प्राॅब्लम है। सबसे ज्यादा वाणिज्यिक मामले निचली अदालतों में पड़े हैं।

सबसे बड़ी बाधा निम्न वेतन

समावेशी वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने के मामले में सबसे बड़ी बाधा निम्न वेतन और मजदूरी में असमानता है।

राष्ट्रीय नीति के सामंजस्य को बढ़ावा

सर्वेक्षण में संसाधन क्षमता पर राष्ट्रीय नीति के सामंजस्य को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है।

प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया

कानूनी सुधार, नीतियों में निरंतरता, सक्षम श्रम बाजार और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान देने पर जोर दिया गया है।

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पाॅलीसीज में बदलाव की जरूरत

जीवन भर के स्वामित्व की लागत को कम करने और इलेक्ट्रिक वाहनों को पारंपरिक वाहनों के मुकाबले बेहतर विकल्प बनाने के लिए पाॅलीसीज में बदलाव की जरूरत है।

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