नई दिल्ली (एएनआई) । Economic Survey 2023 : बजट का इंतजार लगभग खत्म हो गया है क्योंकि केंद्र सरकार मंगलवार को इकोनॉमी सर्वे यानी कि आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने वाली है। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पूर्व दस्तावेज संसद में पेश करेंगी। इकोनॉमी सर्वे डाॅक्यूमेंट, वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा व मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की देखरेख में तैयार किया गया है। इकोनॉमी सर्वे चालू वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में अर्थव्यवस्था की स्थिति और विभिन्न संकेतकों और अगले वर्ष के लिए दृष्टिकोण के बारे में जानकारी देगा।


इकोनॉमी सर्वे 1950-51 में अस्तित्व में आया
इकोनॉमी सर्वे बुधवार को पेश होने वाले 2023-24 के वास्तविक बजट के रंग और बनावट के बारे में भी कुछ विचार दे सकता है। कथित तौर पर पहला इकोनॉमी सर्वे 1950-51 में अस्तित्व में आया, जब यह बजट दस्तावेजों का हिस्सा हुआ करता था। 1960 के दशक में, इसे बजट दस्तावेजों से अलग कर दिया गया और केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किया गया। सबसे महत्वपूर्ण विशेषता जिसकी ओर कई लोग ध्यान देंगे, वह इसकी सेंट्रल थीम है। पिछले साल का सेंट्रल थीम 'एजाइल अप्रोच' था, जिसने कोविड-19 महामारी के झटके के लिए भारत की आर्थिक प्रतिक्रिया पर जोर दिया।

जानें पिछले साल का कैसा था इकोनॉमी सर्वे
इकोनॉमी सर्वे 2022 की प्रस्तावना में कहा गया है कि "एजाइल अप्रोच" फीडबैक लूप्स, वास्तविक परिणामों की वास्तविक समय की निगरानी, लचीली प्रतिक्रियाओं, सुरक्षा-नेट बफ़र्स आदि पर आधारित थी। सेक्टोरल चैप्टर्स के साथ, सर्वेक्षण दस्तावेज नए आवश्यकता-आधारित अध्यायों को भी जोड़ता है। 2022 में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 2022-23 में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.0-8.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था। 2024 के अप्रैल-मई में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव के साथ बजट 2023 मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने की संभावना है।

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