नई दिल्ली (एएनआई)। लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक महामारी के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को भारी क्षति पहुंची थी। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आया है। भारतीय मुद्रा की स्थिरता की वजह से अर्थव्यवस्था में भी कमोबेश बेहतर स्थिति बनी रही। इसमें बेहतर चालू खाता, बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार और उत्साहवर्धक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की भी अर्थव्यवस्था के तेज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

आस्ट्रेलिया में क्रिकेट टीम को मिली जीत जैसा अर्थव्यवस्था में सुधार

सर्वे में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन अभियान, सर्विस सेक्टर में तेज सुधार और निवेश तथा उपभोक्ता के क्षेत्र में तेजी से विकास की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में 'वी' आकार में यानी तेजी से सुधार आया है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डाॅ. के सुब्रमण्यम ने देश की आर्थिक सुधारों को हाल के दौरान आस्ट्रेलिया में मिली भारतीय क्रिकेट टीम की जीत से जोड़ा है।

हर मोर्चे पर सुधार से अर्थव्यवस्था में तेजी

सर्वे में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में दो महीने के लिए पूरी तरह से ठहराव आ गया था। इससे जीडीपी में पिछले वर्ष की तिमाही के मुकाबले 23.9 प्रतिशत का संकुचन आया था। लाॅकडाउन की वजह से अर्थिक विकास दर में यह संकुचन आया। पहली तिमाही के दौरान 23.9 प्रतिशत का संकुचन आया। हर मोर्चे पर तेजी से सुधार देखने को मिला और दूसरी तिमाही में संकुचन में 7.5 प्रतिशत की कमी आई।

2021-22 के दौरान अनुमानित वास्तविक जीडीपी 11 प्रतिशत

वह बहुत बुरा दौर था जब नीति निर्माताओं को लाॅकडाउन का फैसला करना पड़ा। इस बात के पुख्ता प्रमाण है कि लाॅकडाउन की वजह से काफी जिंदगियां बची हैं। अनलाॅक के बाद सभी आर्थिक संकेत यही बता रहे हैं कि अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण में भारत की अनुमानित वास्तविक जीडीपी को लेकर कहा गया है कि यह 2021-22 के दौरान 11 प्रतिशत रहेगी। नाॅमिनल जीडीपी 15.4 प्रतिशत रहेगी। आजादी के बाद यह सर्वाधिक होगी।