LUCKNOW : खनन घोटाले में सीबीआई की तर्ज पर इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट की जांच का दायरा भी बढ़ने लगा है। बुधवार को फतेहपुर और देवरिया खनन घोटाले में सीबीआई द्वारा आठ शहरों के 12 ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद ईडी ने भी इसका केस दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सीबीअइाई द्वारा दर्ज की गयी दो नई एफआईआर का परीक्षण शुरू हो चुका है। सीबीआई के छापों में बुलंदशहर के डीएम अभय, कौशल विकास निदेशक विवेक और आजमगढ़ के सीडीओ डीएस उपाध्याय के ठिकानों से मिली नगदी और संपत्तियों के दस्तावेज की जानकारी भी ईडी ने जुटानी शुरू कर दी है। जल्द ही पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और तीनों अफसरों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत दो केस दर्ज करने की तैयारी है।

जीवेश और संतोष से होगी पूछताछ
ईडी के सूत्रों की मानें तो सीबीआई द्वारा फतेहपुर खनन घोटाले में नामजद किए गये सीनियर आईएएस जीवेश नंदन और संतोष कुमार राय से भी ईडी के अफसर जल्द पूछताछ करेंगे। इसके लिए नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय से अनुमति मांगी जा चुकी है। दरअसल हमीरपुर खनन घोटाले की जांच के दौरान ही ईडी को इन दोनों अफसरों की भूमिका के कई पुख्ता प्रमाण मिले है। ईडी ने सीबीआई द्वारा नामजद किए गये अनु सचिव हरिमोहन झा से बीते दिनों गहन पूछताछ की थी जिसमें सामने आया था कि जिलों में खनन की अनुमति देने संबंधी शासनादेश जीवेश नंदन और संतोष कुमार की अनुमति से भेजे गये थे। वहीं हमीरपुर खनन घोटाले में नामजद तत्कालीन डीएम बी। चंद्रकला ने भी ईडी को दिए अपने बयान में सारा ठीकरा शासन के अफसरों पर फोड़ा था। सूत्रों की मानें तो ईडी की जांच के दायरे में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आ रहे हैं क्योंकि तमाम पट्टे उनकी अनुमति से दिए गये थे।

गायत्री की संपत्तियों पर नजर
हमीरपुर के बाद फतेहपुर और देवरिया खनन घोटाले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की संदिग्ध भूमिका के प्रमाण मिलने के बाद ईडी ने गोपनीय तरीके से उनकी संपत्तियों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। ईडी की नजर गायत्री के परिजनों और उन करीबियों पर भी है जिनके नाम से तमाम नामी-बेनामी संपत्तियां अर्जित की गयी। इस बाबत लोकायुक्त संगठन में हुई गायत्री की संपत्तियों की शिकायतों का भी ब्योरा जुटाया गया है। दरअसल ईडी इन जानकारियों को जुटाने के बाद ही आगामी 16 से 19 जुलाई के बीच गायत्री से जेल में पूछताछ करने की तैयारी में है।