मुंबई (पीटीआई)। पेट्रोल कीमतों के मुद्दे पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स तथा शुल्क में कटौती करने के लिए काम करेगा। रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने कहा कि बाजार में फसल कटकर आने पर महंगाई में कमी आएगी। उम्मीद है कि आने वाले समय में महंगाई 4-6 प्रतिशत घटेगी।

महंगाई को लेकर आरबीआई भी सामने आया

बजाज ने संवाददाताओं से यहां कहा कि महंगाई को लेकर आरबीआई एक गाइडेंस के साथ आया है। महंगाई थोड़ा ज्यादा है। थोड़े समय में यह घट जाएगी। एक बार फसल बाजार में आ जाए तो लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी। साथ ही उन्होंने महंगाई कम करने को लेकर सरकारी प्रयासों के बारे में बताया। दाल तथा खाद्य तेलों जैसे पदार्थों पर सरकार ने शुल्क कम कर दिए हैं।

2021-22 में महंगाई रहेगी 5.7 प्रतिशत

प्रमुख तौर पर खाद्य तेल तथा दालों की वजह से महंगाई बढ़ी। सरकार ने इन पर लगने वाले शुल्क में कटौती की है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि अतिरिक्त दाल तथा खाद्य तेल आयात किया जाए। ये प्रयास बाजार में आपूर्ति बनाए रखने के लिहाज से किया जा रहा है। महंगाई जुलाई में घट कर 5.59 प्रतिशत रही। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में महंगाई 5.7 प्रतिशत रहेगी।

पेट्रोल सस्ता करने को लेकर वित्तमंत्री की योजना

सीतारमन ने कहा कि खाद्य महंगाई में कमी आई है। कोरोना वायरस के समय सप्लाई चेन में कमी आने से यह छह प्रतिशत के स्तर को पार कर गया। सरकार महंगाई पर ध्यान दे रही है। जहां जरूरत पड़ रही है वहां केंद्र सरकार राज्य सरकार से बात कर रही है। ऑयल बाॅन्ड को लेकर चिंता के बारे में वित्तमंत्री से एक सवाल पूछा गया तो वे अपने पूर्व में दिए बयान पर अडिग रहीं। अपने पूर्व के बयान में उन्होंने कहा था कि यूपीए सरकार ने कीमतें कम रखने के लिए ऑयल बाॅन्ड जारी किए थे। पेट्रोल सस्ता करने पर वित्तमंत्री ने कहा कि वे राज्य सरकारों के साथ मिलकर समस्या का समाधान निकालने पर काम करेंगीं।

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