-न्यू सेशन से इंग्लिश मीडियम पढ़ाई को डिस्ट्रिक्ट के 45 बेसिक स्कूल्स में नहीं मिल पा रहे टीचर्स

- अभी तक निर्धारित पदों से बहुत कम आएं हैं एप्लीकेशन

VARANASI

सीबीएसई पैटर्न की तरह यूपी बोर्ड स्कूल्स बदलने की शासन की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। इसमें सबसे बड़ा कारण कि डिस्ट्रिक्ट के स्कूल्स में तैनात टीचर खुद को अंग्रेजी में काबिल नहीं मान रहे है। ऐसे में विभाग के पास निर्धारित पदों से बहुत कम आवेदन आएं हैं। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग ने एप्लीकेशन की डेट बढ़ाई, कुछ टीचर्स सामने आए तो उनका रिटेन के साथ इंटरव्यू हुआ और अब दो दिवसीय काउंसलिंग भी शुरू हो गई है। मगर, फिर भी शिक्षकों की कमी विभाग के लिए चिंता सबब बनी हुई है।

60 शिक्षकों की सता रही कमी

अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों का चयन पूरा कर लिया गया है। अंग्रेजी टीचर्स के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों की लिखित परीक्षा 14 मार्च को हुई थी। 45 हेडमास्टर के लिए 51 व 180 शिक्षकों के लिए 163 अध्यापकों ने आवेदन किया था। हालांकि परीक्षा में 60 शिक्षक गैरहाजिर रहे। रिटेन व इंटरव्यू में कुल 153 टीचर शामिल हुए। जबकि आवश्यकता 225 की है। रिटेन व इंटरव्यू के आधार सेलेक्ट टीचर्स को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 15 दिन के ट्रेनिंग के बाद संबंधित स्कूल्स में शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

इंग्लिश मीडियम की बुक्स का रोड़ा

शासन ने सूबे के करीब 5000 परिषदीय स्कूल्स में न्यू सेशन से इंग्लिश मीडियम से तब्दील करने का निर्णय लिया है। इस क्रम में सभी डिस्ट्रिक्ट में शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं अंग्रेजी माध्यमों की किताबों की अब तक छपाई तक शुरू नहीं हो सकी है। जबकि न्यू सेशन पहली अप्रैल से शुरू होना है।

फ्री में बुक्स, यूनीफॉर्म

डिस्ट्रिक्ट के 45 परिषदीय विद्यालयों में न्यू सेशन से अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई शुरू होगी। खास बात यह है कि इन स्कूल्स में पढ़ने वाले बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इतना ही नहीं बच्चों को बुक्स व यूनीफॉर्म भी बिल्कुल फ्री में अवेलेबल कराया जाएगा।

फ‌र्स्ट फेज में कक्षा एक-दो व तीन को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने के लिए टीचर्स की संख्या पर्याप्त है। यदि कमी होगी तो कुछ और अध्यापकों का चयन बाद में कर लिया जाएगा।

विजय शंकर मिश्र,

एडी-बेसिक