- दुनिया के लिए दूसरे देश केवल बाजार हमारे लिए परिवार है

- आज के समय में आईएएस बनना आसान पर शिक्षक बनना मुश्किल है

LUCKNOW :

जहां भी हम हैं सिर्फ शिक्षा के कारण हैं। किसी भी देश के लिए उसके शिक्षण संस्थान ही सबसे बड़े पॉवर हाउस होते हैं। यहां से कोई राजनेता निकलता है, कोई डॉक्टर-इंजीनियर, जो आगे चलकर देश का निर्माण करते हैं। शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जो देश को मजबूत बनाने में मदद करे। हम उसी को देखकर नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। यह बातें मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को सीएमएस में एक कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कहीं।

दुनिया हमारे लिए परिवार

एमएचआरडी मिनिस्टर ने कहा कि दुनिया में कई बड़े-बड़े साम्राज्य हुए पर समय के साथ सभी ने अस्तित्व खो दिया। हमारे देश की संस्कृति और विरासत आज भी कायम है। भारत के लिए पूरा विश्व परिवार है, बाकी सबके लिए सिर्फ बाजार है। परिवार में प्यार होता है और बाजार में व्यापार। यही कारण है कि हमारे देश में शिक्षा पर हमेशा जोर दिया गया है।

नवाचार पर सुझाव दिए हैं

डॉ। पोखरियाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति पर पूरे देश से करीब सात लाख शिक्षकों ने नवाचार के लिए सुझाव दिए है। वहीं 2 लाख से अधिक सुझाव आये हैं सभी वर्ग से नई शिक्षा नीति पर। इसको शामिल करने के लिए हमनें एक एक्सपर्ट समिति बनाई है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं, आज आईएएस बनना आसान है, अध्यापक बनना मुश्किल। अध्यापक ही आईएएस तैयार करता है इसलिए अध्यापक बनना कठिन होना चाहिए। आज 42 लाख अध्यापकों का प्रशिक्षण निष्ठा अभियान के तहत करा रहे हैं।

33 साल बाद नयी शिक्षा नीति

उन्होंने कहा कि हम 33 साल के बाद देश में नई शिक्षा नीति ला रहे हैं। नई शिक्षा नीति में हम देश के शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता और टीचिंग स्किल में सुधार पर जोर दे रहे हैं। नई नीति से हमारे शिक्षण संस्थान विश्व रैंकिंग में आएंगे। इसके लिए इस साल हमनें कुछ संस्थाओं का अलग से चयन किया है, उनको विश्व रैकिंग के लिए तैयारी करने को कहा है। सरकार की ओर से इन संस्थाओं को पूरी मदद दी जाएगी।