i reality check

फैक्ट फाइल

26 स्कूल सिटी में हैं जर्जर अवस्था में

03 स्कूल वैकल्पिक व्यवस्था से चल रहे

02 स्कूल अवैध कब्जे से परेशान हैं

-छत से गिरते ईट और सीमेंट के बीच कैसे करें पढ़ाई

-शिकायतों के बाद भी नहीं हो सकी मरम्मत, बरसात में मंडरा रहा खतरा

prakashmani.tripathi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए तमाम स्कीम्स चलाई जा रही हैं। लेकिन जिस स्कूल में बच्चों को पढ़ना है उसकी हालत देखने वाला कोई नहीं है। हालत यह है कि विभिन्न स्कूलों में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने रियलिटी चेक के दौरान कुछ ऐसे ही परिषदीय स्कूलों की हालत देखी।

स्पॉट-1

पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय, नगर क्षेत्र कटरा

84 बच्चे प्राइमरी स्कूल में

03 सहायक अध्यापिका

04 शिक्षामित्र

26 बच्चे सीनियर बेसिक में

02 सहायक अध्यापिका

01 प्रधानाध्यापिका

बीएसए ऑफिस सामने बंद है आधा स्कूल

रियलिटी चेक बीएसए ऑफिस के ठीक बगल में स्थित पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय, नगर क्षेत्र कटरा के सामने से शुरू हुआ। सुबह के करीब 11.30 बजे थे। स्कूल के अंदर प्राइमरी और सीनियर बेसिक की क्लासेस चल रही थीं। लेकिन स्कूल की आधी बिल्डिंग वीरान थी। प्रिंसिपल मीनाक्षी मधुरा श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले एक साल से अधिक समय से स्कूल की आधी बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है। लास्ट ईयर प्रिंसिपल रूम की छत से ही ईट और सीमेंट की परत टूटकर गिर पड़ी। ऐसी हालत को देखकर स्कूल की बिल्डिंग को तत्काल खाली करा दिया गया। अधिकारियों को जानकारी दी गई, लेकिन अभी तक मरम्मत नहीं शुरू हो सकी।

एक रूम में चलती हैं तीन क्लासेस

अब हालत यह है कि पिछले एक साल से क्लास सिक्स, सेवेंथ और एट्थ के बच्चे एक ही क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं। कमरा कम होने के कारण स्कूल के लॉबी में प्राइमरी की एक क्लास संचालित की जा रही है।

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स्पॉट-2

प्राथमिक विद्यालय, पीडी टंडन रोड

24 हैं कुल छात्र

01 प्रधानाध्यापिका

01 शिक्षामित्र

सीमेंट की चादर से ढकी छत के नीचे पढ़ रहे बच्चे

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम करीब 12 बजे प्राथमिक विद्यालय पीडी टंडन रोड पहुंची। सीमेंट की चादर से ढंकी छत के नीचे चल रहे स्कूल में सिर्फ एक ही कमरे में पढ़ाई होती मिली। स्कूल में तैनात शिक्षामित्र मो। अख्तर ने बताया कि स्कूल को लंबे समय से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की बात हो रही थी। लेकिन आज तक इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया।

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बॉक्स

अंचल के स्कूलों का भी ऐसा ही है हाल

अंचल के परिषदीय स्कूलों की हालत सिटी से भी ज्यादा खस्ता है। बहादुरपुर विकासखंड में स्थित प्राथमिक विद्यालय सुनौटी के एक ही कमरे में क्लास रूम के साथ ही ऑफिस भी चलता है। जबकि स्कूल की अन्य कमरों की हालत भी बेहद जर्जर है। इसके बावजूद कोई ध्यान देने वाला नहीं है।

वर्जन

जून में ही शासन के पूर्व निर्देश के अनुसार जिलों के डीएम को पत्र भेजकर ऐसे भवनों की मरम्मत कराने के लिए कहा गया था। अलग से कोई मद नहीं होने के कारण स्कूलों की मरम्मत स्थानीय श्रोतों के माध्यम से कराने की बात कही गई थी।

-रूबी सिंह

सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद