-एमएनएनआईटी में आविष्कार-2019 में स्टूडेंट्स ने पेश किए यूटिलैटेरियन रोबोट्स

-फैक्ट्री में लगेज कैरी करने के लिए ह्यूमन पावर का ऑप्शन बनेगा रोबोट

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PRAYAGRAJ: ह्यूमन माइंड और टेक्नोलॉजी का सही कांबिनेशन हो तो ऐसे इन्वेंशन हो सकते हैं जो लाइफ को आसान बना देंगे। इनके बेटर यूज से आने वाले वक्त में मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट कम होगी। इसका सीधा फायदा आम आदमी को होगा। इसी सोच की झलक दिखी मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में चल रहे अविष्कार 2019 में। इस दौरान बीटेक और एमटेक के स्टूडेंट्स रोबोट को जीवन के अलग-अलग सुविधाओं के लिए उपयुक्त बनाने और उसके प्रजेंटेशन में लगे थे। वहीं बीटेक इलेक्ट्रानिक व कम्यूनिकेशन ब्रांच के फाइनल के स्टूडेंट्स गौरव और उनकी टीम ने ऐसा रोबोट तैयार किया है जो मैन्यूफैक्चंिरंग इंड्रस्टी के लिए हेल्पफुल होगा।

अपनी लाइन पर ही चलेगा रोबोट

राजस्थान के करौली के रहने वाले गौरव बीटेक फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं उन्होंने बताया कि 'माइंड द पाथ' रोबोट को उनकी टीम ने इसी सोच के साथ तैयार किया कि आम लोगों को मदद मिल सके। उन्होंने बताया कि यह रोबोट फैक्ट्री या किसी भी कारखाने में काम करने के लिए तैयार किया गया है। फैक्ट्री में सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में काफी खर्च लेबर कॉस्ट या फिर सामान कैरी करने के लिए रखे गए लोगों पर होता है। यह रोबोट इस खर्च को कम करने में मददगार होगा।

ऐसे करेगा काम

-फैक्ट्री में सामान को कैरी करने वाले एरिया में ब्लैक कलर की लाइन तैयार की जाएगी।

-इसके बाद सामान को कैरी करने के लिए रोबोट को कमांड दिया जाएगा। रोबोट सामान कैरी करेगा।

-इसमें और एडवांस सेंसर पर वर्क चल रहा है। इससे एक ही ब्लैक लाइन पर एक से अधिक रोबोट एक साथ मूव नहीं कर सकेंगे और हादसे की आशंका नहीं रहेगी।

-रोबोट में सेंसर लगा रहेगा। ऐसे में जब भी दो रोबोट आमने-सामने आएंगे तो सेंसर काम करने लगेगा।

-इस दौरान रोबोट आपस में कम्यूनिकेशन करेंगे और एक रोबोट आगे बढ़ेगा। जबकि दूसरा रोबोट वहीं रुककर ब्लैक लाइन खाली होने का इंतजार करेगा।