ईईएसएल कंपनी ने स्ट्रीट लाइट की मेंटेनेंस और सर्विस के नाम पर निगम को सौंपा सात करोड़ का बिल

Meerut। शहर की सड़कों को रोशन करने में नाकाम ईईएसएल कंपनी और नगर निगम के बीच रार लगातार बढ़ती जा रही है। ईईएसएल कंपनी के कर्मचारियों ने अनुबंध के बावजूद शहर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट को मेंटेन करने में लापरवाही दिखाई। जिसके चलते शहर की अधिकतर सड़कों पर अंधेरा पसरा हुआ है। ऐसे में अपनी लापरवाही के बावजूद ईईएसएल ने स्ट्रीट लाइट की मेंटेनेंस और सर्विस के नाम पर सात करोड़ का बिल निगम को थमा दिया। अब निगम ने भी बिल भुगतान से पहले कंपनी से पूरे खर्च का ब्योरा मांग लिया है। कुल मिलाकर निगम और कंपनी के बीच बढ़ रहे विवाद के कारण शहर की सड़कों पर शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है।

सात करोड़ का बिल

ईईएसएल 2017 से शहर में नगर निगम के साथ अनुबंध कर स्ट्रीट लाइट लगाने और मेंटेनेंस का काम शुरू किया था। इस अनुबंध के तहत कंपनी ने करीब 42089 एलईडी लाइट्स लगाने का दावा किया है। यह लाइट्स शहर की प्रमुख सड़कों के साथ-साथ निगम के वार्डो की गलियों में लगाई गई हैं। इन लाइट्स के एवज में कंपनी 110.38 रुपये प्रति लाइट की दर से चार्ज लगा रही है। गत दिनों ईईएसएल कंपनी ने अपने तीन साल के करीब सात करोड़ रुपये बकाये का बिल नगर निगम में जमाकर भुगतान की मांग की थी। जिस पर निगम ने रोक लगा दी।

गलत दरों पर बनाया बिल

निगम की मानें तो कंपनी ने जिस दर से प्रति लाइट का बिल बनाया है उस पर पहले ही नगरायुक्त ने आपत्ति जाहिर करते हुए दरों में संशोधन का आदेश दिया था। उसके बाद भी कंपनी ने 110 रुपये प्रति लाइट की दर से ही बिल बनाकर भेज दिया। इसके अलावा अनुबंध की शर्तों में भी इस दर का कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे में कंपनी के बिल पर निगम के आला अधिकारियों ने आपत्ति जाहिर करते हुए बिल भुगतान पर रोक लगा दी। अब निगम ने ईईएसएल के प्रतिनिधियों से एलईडी लाइट्स लगाने के बाद ऊर्जा खपत की पूरी जानकारी मांगी है। इसके अलावा इन लाइट्स के मेंटेनेंस पर कितना रुपया कंपनी ने कहां-कहां खर्च किया उसकी भी पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।

कंपनी से स्ट्रीट लाइट्स संबंधित खर्च का पूरा ब्योरा मांगा गया है। जिसके एवज में कंपनी ने कुछ समय मांगा है।

राजेश चौहान, मार्ग प्रकाश प्रभारी