- सिटी में बढ़ रहा स्टिकर लगे फल खरीदने का क्रेज

- स्टिकर में लगा हानिकारक केमिकल बिगाड़ रहा सेहत

ALLAHABAD: कभी-कभी छोटी लापरवाही बड़ी समस्या का कारण बन जाती है। ऐसा ही फलों के साथ भी है। आजकल स्टिकर लगे फलों की धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है। इसके पीछे तर्क यह रहता है कि ये फल ब्रांडेड या इंपोर्टेड होते हैं। इसी चक्कर में लोग इन फलों को खरीदने में अपनी शान समझते हैं। लेकिन लोगों का यही क्रेज अनजाने में उन्हें सौगात में बीमारी दे रहा है। स्टिकर की गोंद हानिकारक केमिलकल से बनी होती है। जिसका प्रभाव फल के माध्यम से लोगों पर पड़ता है। यही उनकी सेहत खराब करने का कारण बनती है।

दिखावे में लगाते हैं स्टीकर

सिटी में देश के अलग अलग कोने से ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल यानि कि बाहरी कंट्री से भी फलों का आयात होता है। बाहरी देशों से आने वाले फलों में जिस कम्पनी द्वारा फलों निर्यात किया जाता है वह बकायदा अपने ब्रांड का स्टीकर लगाती है। जो फलों और उसे खाने वाले को किसी भी प्रकार से हानि नहीं पहुंचता है। फल विक्रेता सुधीर कुमार बताते हैं कि बाहर से आने वाले फलों की कीमत लोकल मार्केट में आने पर काफी महंगी हो जाती है। ऐसे में सिटी के व्यापारी लोकल एरिया से आयात होने वाले फलों पर खुद स्टीकर को बनवा कर फल पर लगा देते हैं। इससे उन्हें कम कीमत में अच्छा मुनाफा होता है।

जेब को भी लगा रहे चूना

सिटी में फलों की कई अलग अलग जगहों पर मार्केट है। इनमें कुछ फुटकर व्यापारी तो कुछ थोक के व्यापारी के रुप में मार्केट में फल बेच रहे हैं। इनमें कई ऐसे फल विक्रेता हैं जो अच्छा मुनाफा कमाने के लिए लोकल स्तर पर हानिकारक केमिकल युक्त स्टीकर बनाकर उसे फलों पर लगा रहे हैं। इसे मार्केट में अच्छे दामों पर खुलेआम बेच रहे हैं। आलम यह है कि खरीदारों को कुछ पता भी नहीं चलता और वह महंगे दामों पर फलों को खरीद रहे हैं। उन्हें इस बात का जरा भी पता नहीं है कि वह जो स्टीकर लगा फल ले रहे हैं उसकी कीमत लोकल स्तर पर काफी कम है। इसी बात का पूरा फायदा मार्केट के फल विक्रेता उठा रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। आलम यह है कि फलों में जो स्टीकर चिपकाए जा रहे हैं उनमें लगा गोंद केमिकल युक्त होने के कारण काफी हानिकारक साबित हो रहा है। जहां व्यक्ति को पेट दर्द या फिर कई अन्य प्रकार बीमारी समाने आ रही है।

-पहले भी कई बार इस प्रकार की सूचना आ चुकी है जिसके बाद फल विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई। अगर ऐसा फिर से हो रहा है तो जल्द ही फल विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हरि मोहन श्रीवास्तव फूड आफिसर