-सिटी के कई रास्ते हैं खराब, कहीं उखड़ा है रोड तो कहीं गिट्टी पैरों को करेगी छलनी

भोले के भक्तों के लिए पंचक्रोशी परिक्रमा की राह नहीं है आसान

देवों के देव महादेव के विवाहोत्सव की तैयारी तो पूरे शहर में है, हर तरफ मंदिर और शिवालयों में लोग भक्ति में विभोर है, लेकिन महाशिवरात्रि पर महादेव के भक्तों की पंचक्त्रोशी यात्रा की राह आसान नहीं होगी। यहां कहीं पथरीले रास्ते हैं तो कहीं अधूरी सड़क। जो गढ्ढे हैं, उनमें नाले का पानी जमा है। ऐसे में नंगे पांव परिक्रमा करने वाले शिव भक्तों को गंदगी से होकर गुजरना पड़ेगा। कंदवा से कर्दमेश्वर महादेव तक इतने कंकड़ हैं कि लंबी यात्रा करने वाले भक्तों के पांव को ये गिट्टियां छलनी करती रहेंगी।

फाइलों में दबी है तैयारियां

पंचक्त्रोशी के पहले पड़ाव से लेकर अंतिम पड़ाव तक श्रद्धालुओं को तमाम अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ेगा। दो साल पहले शासन ने पंचक्रोशी मार्ग पर सुविधाओं और इंतजाम के लिए 101 करोड़ रुपये जारी किया था। बावजूद इसके पंचक्त्रोशी यात्रा की तैयारियां अभी तक फाइलों में दबी है। मार्ग पर न तो सफाई हुई है और न ही पेयजल की व्यवस्था है। ऐसी हालत तब है जब हजारों शिव भक्त यहां परिक्रमा करते हैं।

पहला पड़ाव बदहाल

यात्रा का पहला पड़ाव कंदवा क्षेत्र ही दुर्दशा से घिरा हुआ है। यहां दोनों ओर नाले खुले हैं। पिछले दो साल से सड़क पर गिट्टी डालकर छोड़ दी गयी है। कंदवा से भीमचंडी जाने वाली सड़क भी बदहाल है। रास्ते पर कई जगह गिट्टियां बिखरी हुई हैं तो कई जगह गढ्डे हैं। रात में यहां से निकलने पर श्रद्धालुओं के चोटिल होने की आशंका है। वहीं राजातालाब में ओवरब्रिज निर्माण कार्य लंबित होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होना तय है। चौथे पड़ाव शिवपुर में श्रद्धालुओं को सबसे अधिक मुश्किल झेलनी होगी। हरहुआ से शिवपुर जाने वाले मार्ग को जगह-जगह खोदकर छोड़ दिया गया है।

मणिकर्णिका से शुरू होगी यात्रा

मणिकर्णिका घाट से शुरू होने वाली 25 कोश की पंचक्त्रोशी यात्रा भीमचंडी, रामेश्वर, पांचों पंडवा और कपिल धारा से होते हुए वापस मणिकर्णिका घाट पहुंचकर विराम लेगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने भी पंचक्त्रोशी यात्रा की थी। गंगा स्नान करने के बाद विशेश्वर महादेव के दर्शन-पूजन और संकल्प के साथ श्रद्धालु यात्रा पर निकलते हैं। यात्रा के दौरान वह 108 तीर्थ स्थलों और मंदिरों में दर्शन-पूजन करते हैं।