- रायवाला के प्रतीतनगर से प्रधान प्रत्याशी का नॉमिनेशन कैंसिल करने का मामला

- पिछले चुनाव में चुनाव खर्चा न देने के आरोप में नॉमिनेशन किया गया था कैंसिल, चुनाव लड़ने पर रोक

- प्रत्याशी का दावा जमा कराया था चुनाव खर्चा, रसीद एक साल पहले चोरी हो गई, मामले की जांच की मांग

देहरादून।

साहब मैंने पिछली बार प्रधान का चुनाव लड़ा और खर्चे का पूरा ब्योरा भी दिया लेकिन इस बार मेरा नॉमिनेशन रद कर दिया गया है। मेरे पास चुनाव खर्चा जमा करने की रसीद भी थी, लेकिन वह चोरी हो गई। रायवाला के प्रतीत नगर एरिया से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ रही प्रवेश यह बात लगातार सरकारी अफसरों के पास दोहराती रही, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। पंचस्थानी से डीएम ऑफिस तक के चक्कर काटने के बाद जब उसकी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हुई तो वह रोती हुई घर चली गई।

पहले नॉमिनेशन एक्सेप्ट, फिर रिजेक्ट

प्रवेश की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम कंप्लेन लेटर लिखा गया है, जिसमें उसने अपना रिजेक्ट किया गया नॉमिनेशन एक्सेप्ट करने की अपील की है। उसने लिखा कि 26 सितंबर को स्क्रूटनी में उसका नॉमिनेशन एक्सेप्ट किया गया था, उसे रसीद भी दी गई थी। लेकिन, जब वह घर पहुंची तो प्रस्तावक ने कॉल कर बताया कि उसे ब्लॉक ऑफिस बुलाया गया है। दोबारा ब्लॉक ऑफिस पहुंची तो वहां मौजूद ऑफिसर ने रसीद वापस ले ली और कहा कि उसका नॉमिनेशन रिजेक्ट कर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है। बताया कि पिछली बार उसने चुनाव खर्च का ब्योरा जमा नहीं कराया। जबकि प्रवेश के अनुसार उसने ब्योरा जमा कराया था।

चोरी हो गई रसीद

प्रवेश ने बताया कि पिछले चुनाव में उसने अपने चुनाव खर्चे का पूरा ब्योरा पेश किया था, निर्वाचन आयोग द्वारा उसे इसकी रिसीविंग भी दी गई थी। जब उससे रिसीविंग दिखाने को कहा गया तो प्रवेश ने बताया कि पिछले वर्ष उसके घर चोरी हो गई थी, जिसमें रिसीविंग भी चोर उड़ा ले गए। ऐसे में उसके पास एविडेंस नहीं है, उसने आरोप लगाया कि ब्लॉक ऑफिस ने ही पिछले चुनाव का ब्योरा मिसप्लेस कर दिया है। उसने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षियों के दबाव में अफसरों ने उसका नॉमिनेशन बेवजह कैंसिल कर दिया है।

पंचस्थानी से कलक्ट्रेट तक लगाई दौड़

नॉमिनेशन एक्सेप्ट करने की मांग लेकर प्रवेश पहले डीएम ऑफिस पहुंची, डीएम मिले नहीं तो पंचस्थानी चुनाव कार्यालय में अफसरों के आगे गिड़गिड़ाई। वहां कोई सुनवाई नहीं हुई तो फिर राजपुर रोड स्थित डीएम कैंप ऑफिस गई, वहां बताया गया कि डीएम किसी मीटिंग में हैं।

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मामले की जांच कराई जाएगी। यदि पहले नॉमिनेशन स्क्रूटनी में सही पाया गया तो बाद में उसे क्यों रिजेक्ट किया गया, इसकी पड़ताल की जाएगी। इसके बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा।

- सी रविशंकर, डीएम