-सात मई को हुए मतदान में महिलाओं ने पुरुषों को छोड़ा पीछे

-अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, पौड़ी व टिहरी में दिल खोलकर महिलाओं ने की वोटिंग

-चुनाव आयोग भी गदगद, कहा यह महिला वोटर्स में जागरूकता का कमाल

-उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल, उधमसिंहनगर व हरिद्वार में पीछे रही महिला वोटर्स

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DEHRADUN : क्म्वीं लोकसभा के लिए देशभर में हुई पोलिंग के अनुसार इस बार उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीट में भी रिकॉर्डतोड़ वोटिंग दर्ज की गई है। खास बात यह है कि इस बढ़े हुए मतदान में महिलाओं का खासा योगदान रहा है। पांचों लोकसभा सीट की बात की जाए तो अल्मोड़ा, पौड़ी और टिहरी जैसे सीट्स में तो महिलाओं ने पुरुषों को काफी पीछे छोड़ दिया है। इसमें सबसे बेहतर रिकॉर्ड पौड़ी लोकसभा का रहा। जहां पुरुषों के एवज में करीब सात फीसदी ज्यादा मतदान महिलाओं के नाम रहा। इस बार हुए पोलिंग अनुपात से साफ हो गया है कि अब मतदान में भी महिलाएं किसी से कम नहीं।

सामने आए आंकड़े

सात मई को हुई प्रदेश की पांचों सीट के मतदान को लेकर अब तक सस्पेंस बना हुआ था कि आखिर किस लोकसभा सीट पर महिलाओं और पुरुषों में मतदान का अंतर रहा होगा। अब स्थिति साफ हो चुकी है। चुनाव आयोग के जारी आंकड़ों के अनुसार अबकी बार महिलाओं ने भी जमकर वोटिंग में अपनी भागीदारी निभाई है। आंकड़े बताते हैं कि पौड़ी में सात फीसदी, अल्मोड़ा में पांच और टिहरी में करीब दो फीसदी महिलाओं ने मतदान में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। संसदीय क्षेत्र के हिसाब से अक्सर पहाड़ की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए कहा जाता था कि महिलाएं वोट के लिए घरों से नहीं निकल पाती हैं, लेकिन अबकी बार यह कथन मिथक रहा है।

अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग व पौड़ी आगे

ऐसे ही जनपदवार महिला व पुरुषों के मतदान पर नजर दौड़ाएं तो उसमें पहाड़ के जिलों में महिलाओं ने खुलकर वोटिंग की है। डिस्ट्रिक्टवाइज सबसे ज्यादा महिलाओं ने वोटिंग अल्मोड़ा में की है। हालांकि पौड़ी में शामिल टिहरी की दो विधानसभा सीटों देवप्रयाग व नरेंद्रनगर में भी महिलाओं का आंकड़ा क्क् फीसदी तक पहुंचा। ये दोनों ऐसे जिले शामिल हैं, जहां करीब क्क् फीसदी वोटिंग महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा की है। इसके बाद रुद्रप्रयाग व पौड़ी जिलों में लगभग 9 फीसदी ज्यादा वोटिंग महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में की है। बागेश्वर में लगभग 7 परसेंट और चंपावत में म् प्रतिशत ज्यादा वोट महिलाओं द्वारा पुरुषों की तुलना में की गई।

तराई के जिलों में अनुपात बराबर

तराई के जिलों में महिला पुरुषों का अनुपात करीब-करीब बराबर का आंका गया। देहरादून की सात विस सीटों में एक प्रतिशत ज्यादा व हरिद्वार में शामिल तीन विस सीटों में तीन प्रतिशत महिलाओं ने ज्यादा वोटिंग की। वहीं हरिद्वार में महिलाएं पुरुषों की तुलना में दो परसेंट, पिथौरागढ़ में चार और उत्तरकाशी में दो प्रतिशत महिलाएं पुरुषों की तुलना में वोटिंग करने में पीछे रहीं।

बॉक्स::

संसदीय क्षेत्र---पुरुष---महिलाएं।

हरिद्वार--7ख्.0भ्--7क्.क्भ्

नैनीताल--म्9.फ्0---म्8.0क्

अल्मोड़ा--भ्0.भ्ब्---भ्भ्.98

पौड़ी--भ्क्.ख्भ्---भ्8.9ब्

टिहरी--भ्म्.8ख्--भ्8.ख्7

::बॉक्स:::

डिस्ट्रिक्ट---पुरुष---महिलाएं।

टिहरी--ब्ख्.7ब्--ब्9.फ्ब्

देहरादून--म्क्.7म्--म्ख्.ब्8

उत्तरकाशी--भ्7.ब्ब्---भ्भ्.फ्9

चमोली--भ्फ्.क्ख्--भ्7.9म्

रुद्रप्रयाग--भ्ख्.0ब्--म्क्.भ्ब्

टिहरी--ब्म्.क्म्--भ्7.क्म्

पौड़ी---ब्8.म्फ्--भ्7.भ्8

पिथौरागढ़--भ्भ्.09---भ्क्.फ्ख्

बागेश्वर--भ्ब्.क्9--म्क्.भ्क्

अल्मोड़ा--ब्भ्.म्0---भ्म्.क्म्

चंपावत--भ्ख्.0फ्--भ्8.म्भ्

नैनीताल--म्फ्.क्म्--म्ख्.म्फ्

उधमसिंहनगर--7ख्.म्क्--70.9ख्

देहरादून--म्ख्.0क्--म्भ्.म्क्

हरिद्वार---7भ्.ब्भ्--7फ्.क्फ्

::वर्जन:::

यह सच है कि इस बार के लोकसभा चुनावों में प्रदेश के युवाओं और महिलाओं ने दिलखोलकर वोट किया है। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार करीब 9 फीसदी ज्यादा वोट हुआ है। इसके पीछे जागरूकता प्रोग्राम संचालित होने भी प्रमुख कारण रहे हैं।

राधा रतूड़ी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड।