समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चुनाव आयोग ने ये नोटिस भारतीय जनता पार्टी की शिकायत पर जारी किया है.

पार्टी ने अपनी शिकायत में कहा था कि राहुल गांधी ने मुजफ्फरनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए बीजेपी को ग़लत तरीके से ज़िम्मेदार ठहराया था.

राजस्थान और मध्यप्रदेश में अपनी चुनावी सभा में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बीजेपी पर घृणा की राजनीति करने का आरोप लगाया था और कथित रूप से ये भी कहा था कि पार्टी मुज़फ्फरनगर जैसी जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का काम कर रही है.

आरोप

राहुल गांधी ने कथित तौर पर अपनी चुनावी सभाओं में कहा था, “बीजेपी को लगता है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में अगर हिंदू बनाम मुसलमान जैसी स्थिति न हो तो पार्टी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकती है और इसीलिए पार्टी ने ये आग लगाई. वो तो कांग्रेस थी जिसने इस आग को बुझाने का काम किया.”

राहुल गांधी के इस तरह के चुनावी बयान को गंभीरता से लेते हुए बीजेपी ने कहा कि उनका बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.

बीजेपी ने चुनाव आयोग को जो छह पन्नों की शिकायत की थी उसमें ये भी कहा था कि इंदौर में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी एजेंसियां मुज़फ्फरनगर दंगों में प्रभावित हुए युवा मुसलमानों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 29 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत ने कहा था कि आयोग इंदौर की चुनावी सभा में राहुल गांधी के भाषण की जांच करेगा जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी - आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ितों के संपर्क में है.

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