मंगलवार को सोनिया गांधी दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल से मिली थीं और कथित 'धर्मनिरपेक्ष वोट' को बंटने से रोकने के लिए उनसे अपील की थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने कहा, "हम शिकायत मिलने पर उसका संज्ञान लेते हैं और अगर हमें इसकी शिकायत मिली तो हम इसका संज्ञान लेंगे."

बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सोनिया गांधी के धार्मिक आधार पर वोट मांगने के लिए चुनाव आयोग को स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.

'आचार संहिता उल्लंघन'

गाज़ियाबाद में एक रैली के दौरान मोदी ने सोनिया गांधी की इमाम से मुलाकात की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस देश को बांटने की कोशिश कर रही है.

बुधवार को बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय से ऐसी अपील करना मुस्लिम समुदाय का अपमान है क्योंकि सभी को अपने मताधिकार का स्वतंत्रता से इस्तेमाल करने का अधिकार है, धर्म के आधार पर नहीं.

जावड़ेकर ने कहा था, "यह पूरी तरह सांप्रदायिक राजनीति का उदाहरण है. यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता."

उन्होंने कहा, "यह आचार संहिता का उल्लंघन भी है क्योंकि आप मतदाताओं से जाति और धर्म के आधार पर वोट नहीं मांग सकते. हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग इस अपील पर स्वतः संज्ञान लेगा."

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