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सदर तहसील के पास खुलेआम जारी है गोरखधंधा, बना रहे ब्लैक एंड व्हाइट वोटर कार्ड

पांच सौ रुपए में दो से तीन दिन में उपलब्ध करा रहे असली जैसा वोटर कार्ड

ALLAHABAD: निर्वाचन आयोग भले ही पब्लिक को वोटर कार्ड उपलब्ध नहीं करा पा हो लेकिन कुछ लोगों के पास इसका ऑप्शन मौजूद है। वह महज दो से तीन दिन में नकली वोटर कार्ड मुहैया कराकर पब्लिक को बेवकूफ बना रहे हैं। पूरा खेल अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहा है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर टालमटोल जारी है। यह फर्जीवाड़ा तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत से फल-फूल रहा है।

पांच सौ रुपए में कार्ड

सदर तहसील के नजदीक ही नकली ब्लैक एंड व्हाइट वोटर कार्ड बनाने का धंधा जोरों पर चल रहा है। ये लोग दूर-दराज से आने वालों को पांच सौ रुपए में दो से तीन दिन में कार्ड मुहैया करा रहे हैं। कार्ड दिखने में एकदम असली जैसा दिखता है, लेकिन असल में इसका कोई वजूद नहीं है।

कहां से ला रहे होलोग्राम?

बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले वोटर कार्ड में स्पेशल होलोग्राम लगाया जाता है। जिससे इसकी सत्यता प्रमाणित होती है। अचरज की बात यह है कि फर्जीवाड़ा करने वाले हूबहू होलोग्राम का भी नकली वोटर कार्ड में इस्तेमाल कर रहे हैं। यह कहां से आ रहा है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। अगर इसकी जांच हो तो बड़ा खुलासा हो सकता है।

नहीं दे पाएंगे वोट, जाएंगे जेल

जो लोग इस वोटर कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें जाने-अनजाने में जेल जाना पड़ सकता है। इस कार्ड से न तो वह वोट दे पाएंगे और अगर उन्होंने पहचान पत्र की तरह इसका उपयोग किया तो वेरीफिकेशन के दौरान रिजेक्ट कर दिए जाएंगे। जांच के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।

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2014 से बंद है वोटर कार्ड वितरण

निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2014 से ब्लैक एंड व्हाइट वोटर कार्ड का वितरण बंद कर दिया है। इसके बाद पब्लिक को रंगीन वोटर कार्ड दिया जाने लगा लेकिन इसका वितरण भी इस साल जनवरी से नहीं किया जा रहा है। जिसका फायदा फर्जीवाड़ा करने वाले उठा रहे हैं। पब्लिक से पैसे लेकर नकली कार्ड उपलब्ध करा रहे हैं।

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पहले भी हो चुकी है एफआईआर

फर्जीवाड़ा का मामला नया नहीं है। पहले भी कई मामले सामने आए हैं। फर्जी आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बनाने के मामले में चार से पांच साल पहले एक व्यक्ति पर एफआईआर भी हो चुकी है। तत्कालीन डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की थी। इसी तरह हाल ही में हंडिया, फूलपुर में भी ग्राम प्रधानी के चुनाव में फर्जी वोटर आईडी बनाने का मामला भी सामने आया था।

होलोग्राम के नंबर से होगा ट्रेस

आपके पास मौजूद वोटर कार्ड असली है या नहीं, इसका पता लगाना आसान है। उस पर लगे होलोग्राम पर अंकित नंबर से असली और नकली की पहचान हो सकती है। अगर फर्जीवाड़ा करने वाले ने किसी दूसरे कार्ड से निकाला हुआ होलोग्राम लगाया है तो असली वोटर का पता भी चल जाएगा।

आई नेक्स्ट ने जानी सच्चाई

मामले की जानकारी होने के बाद रविवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सच्चाई जानने की कोशिश की। सदर तहसील के नजदीक एक दुकानदार से बातचीत में पता चला कि सोमवार को आइए तो नकली वोटर कार्ड बनाने वालों से मुलाकात हो जाएगी। यह लोग बिना देरी किए पैसे लेकर नकली कार्ड मुहैया करा देंगे। हालांकि, दुकानदार ने यह भी बताया कि इस कार्ड का कोई अस्तित्व नहीं होगा।

फर्जी वोटर कार्ड बनाए जाने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैंने इस पर खोजबीन भी की है। तथ्य सामने आने पर इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी।

केके बाजपेई, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, इलाहाबाद

अगर ऐसा है तो मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। रंगीन वोटर कार्ड जल्द आने वाले हैं और वोट देने का अधिकार उसे ही होगा, जिसका नाम इलेक्टोरल रोल में होगा। फर्जी वोटर कार्ड वाले को वोट डालने नहीं दिया जाएगा।

अटल कुमार राय, प्रभारी जिलाधिकारी, इलाहाबाद