-बूथ से लेकर वोटर लिस्ट तक की हुई समीक्षा

-30 जुलाई तक यूपी में आ जाएगी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन

LUCKNOW: प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बुधवार को चुनाव आयोग ने प्रदेश भर के जिलाधिकारियों के साथ योजना भवन में मीटिंग की और पोलिंग बूथ से लेकर वोटर लिस्ट तक की समीक्षा की गयी। नये पोलिंग स्टेशन बनाये जाने, पोलिंग स्टेशनों के बदलाव और सरकारी बिल्डिंग्स में पोलिंग स्टेशन बनाये जाने के लिए मिले प्रस्तावों के बारे में डिटेल में चर्चा हुई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार सिंघल ने बताया कि कंट्रोल मैनेजमेंट टेबिल सिस्टम के बारे में अधिकारियों से अपडेट लिया गया और उन्हें डाटा इंट्री का काम टाइम से पूरा करने का निर्देश दिया गया। साथ ही बेसिक मिनिमम फैसिलिटीज के बारे में भी संबंधित विभागों से कोआर्डिनेशन कर काम पूरा करने का निर्देश दिया।

वोटर लिस्ट में मिली 58 लाख कमियां

मीटिंग के दौरान बताया गया कि आयोग ने वोटर लिस्ट में मौजूद 17 प्रकार की लगभग 58 लाख त्रुटियों की सूची उपलब्ध करायी गयी थी। जिसमें अब तक कुल 42 लाख त्रुटियां संशोधित की गयी। इसके अतिरिक्त बची त्रुटियाें को समयबद्ध तरीके से संशोधित किए जाने की अपेक्षा सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से की गयी। मीटिंग के दौरान अनुपस्थित, मृतक और शिफ्टेड वोटर्स को चिन्हित कर उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाये जाने को कहा है। अरुण सिंघल ने वोटर लिस्ट में नये नामों को जोड़ने में पूरी सावधानी बरतने के भी निर्देश दिए हैं।

महिलाओं के लिए लगेगा विशेष मेला

अरुण सिंघल ने बताया कि एनपीआर और दूसरे विभागों से मृत मतदाताओं की सूची के आधार पर वोटर लिस्ट को संशोधित किया जाएगा। साथ ही जेंडर रेशियो में सुधार के लिए वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए महिलाओं का अलग से मेले का आयोजन किया जाएगा।

जिलाधिकारियों को दी गयी ईवीएम लाने की जिम्मेदारी

मीटिंग के दौरान बताया गया कि हाल ही में असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से यूपी को ईवीएम आवंटित कर दी गयी है। उन्होंने निर्देश दिये कि राज्यों से कोआर्डिनेट कर 30 जुलाई तक इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन लेकर आने के निर्देश दिये हैं। इन मशीनों की एक अगस्त से फ‌र्स्ट लेवल चेकिंग स्टार्ट की जानी है। वोटिंग मशीन लाने के लिए बजट एलॉट कर दिया गया है। अरुण सिंघल ने बताया कि इलेक्शन कमीशन से प्रदेश में चुनाव कराने के लिए दो लाख ईवीएम की डिमांड की गयी थी।

जिला मुख्यालयों पर लगेगा वीवीपैट

अरुण सिंघल ने बतया कि पिछले लोकसभा चुनाव में लखनऊ समेत कुछ महानगरों में वीपीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) का यूज किया गया था। इस बार हर जिले के मुख्यालय की विधानसभा सीटों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें वोटर को वोट कास्ट करने के बाद एक रिसीप्ट मिलती है। जिससे यह पता चलता है कि आपने जिस बटन को दबाया है, वोट भी उसी पर पड़ा है।