कर्मचारियों को नहीं मिला चाय-नाश्ता

इलेक्ट्रॉनिक काउंटिंग में हुई कनेक्टिविटी प्रॉब्लम

देहरादून

रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पो‌र्ट्स कॉलेज में लोकसभा चुनाव की काउंटिंग के दौरान थर्सडे को अव्यवस्थाओं ने कर्मचारियों के पसीने छुड़वा दिए. सुबह आठ बजे से शुरू हुई काउंटिंग में 20 राउंड हुए. कर्मचारियों से चाय तक के पैसे लिए गए तो इलेक्ट्रॉनिक काउंटिंग की कनेक्टिविटी में भी प्रॉब्लम हो गई.

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सीलिंग खुली और शुरू हुई काउंटिंग

ईवीएम की सीलिंग खुलने के साथ-साथ उनकी काउंटिंग शुरू होती गई. कर्मचारियों की अलग-अलग टीमें ईवीएम के साथ कमरों में एंट्री करती रही. ईवीएम में काउंटिंग के लिए कुल 15 टेबल थी. इनमें 14 काउंटिंग की और एक टेबल एआरओ की थी. इस दौरान पार्टी एजेंट जाली के बाहर डटे रहे और हाथ में कागज पैन लिए पल-पल का अपडेट लेते रहे.

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पहली बार ही हो गई प्रॉब्लम

निर्वाचन आयोग की ओर से पहली बार दून में इलेक्ट्रॉनिक काउंटिंग की व्यवस्था की गई थी. इसके तहत पोस्टल बैलेट को बार कोड दिए गए थे, जिसे स्कैन करके काउंटिंग होनी थी लेकिन, कुछ विधानसभा की काउंटिंग के दौरान कनेक्टिविटी प्रॉब्लम हो गई थी. ऐसे में ये काउंटिंग मैन्युअल ही की गई.

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चाय-नाश्ता मांगते रहे कर्मचारी

काउंटिंग में लगे कर्मचारियों को चाय-नाश्ता तक नहीं पूछा गया. ऐसे में उन्होंने कई बार 12 मैसेज भिजवाया कि उनका भी हाल ले लिया जाए. दूसरे कर्मचारियों ने इस बात पर नाराजगी जताई और कई बार व्यवस्थापकों से अंदर चाय-नाश्ता भिजवाने को कहा. तब कहीं जाकर सभी कर्मचारियों को चाय-नाश्ता मिल पाया.

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10 से 20 रुपये वसूले

कर्मचारियों से चाय के पैसे लिए गए. दस से बीस रुपये तक वसूले गए. कर्मचारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि घंटों से लाइन में लगे हैं फिर भी चाय नहीं मिल रही है, लेकिन पैसे दे रहे हैं तो तुरंत चाय हाथ में है.

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स्वच्छ भारत को आइना

हजारों कर्मचारियों के लिए सिर्फ एक मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की गई थी. उस पर भी कर्मचारी नगर निगम के मोबाइल टॉयलेट को यूज नहीं कर रहे थे बल्कि खुले में टॉयलेट जा रहे थे. कुछ लोगों के टोकने के बावजूद भी कर्मचारी नहीं माने. साथ ही राजनीतिक पार्टियों की ओर से भी मौके पर खाना खाकर गाडि़यों से पैकेट ग्राउंड में ही फेके जा रहे थे.

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भाजपाई दिखे आश्वस्त

भाजपा के कार्यकर्ता जीत को लेकर सुबह से ही आश्वस्त दिख रहे थे. यही नहीं वो तो मीडिया वालों को ये भी बोलते दिखे कि पहले ही हमारी फोटो ले लो, बाद में हम नहीं मिलेंगे. इतना ही नहीं एक दिन पहले ही उन्होंने जीत और जश्न के न सिर्फ डेस्टीनेशन रेडी कर लिए थे बल्कि इसके बकायदा पोस्टर भी छपवा लिए गए थे.

धीरे-धीरे कांग्रेसी खिसके

जैसे-जैसे चुनाव नतीजे सामने आते रहे, मौके से कांग्रेसी खिसकते रहे. दोपहर तक अधिकतर कांग्रेसी काउंटिंग स्थल से निकल गए थे.

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धूप में रख दिए पर्स

चुनाव ड्यूटी में लगी महिला कर्मचारियों के पर्स चेक करने के बावजूद बाहर ही रखवा लिया गया, लेकिन पर्स को यूं ही नीचे रख दिया गया. जबकि, इनके लिए पहले ही कोई व्यवस्था कर लेनी चाहिए थी.

बोलने पर हुई व्यवस्था

सूचना विभाग की ओर से राउंडवार जानकारी बाहर देने के लिए भी बोलने के बाद कहीं जाकर व्यवस्था हो पाई.

हर कोई परेशान

धूप में लगे टेंट में पहले ही गर्मी से लोग त्रस्त थे. इसके बावजूद वहां कुर्सियां भी कम थी. ऐसे में रिजर्व कर्मचारी वहां घंटो खड़ रहे. रिजर्व पुलिसकर्मी भी सिर्फ टेंट के अंदर खड़े टीवी देखते रहे.

टीवी पर रुझान

बाहर बैठे कर्मचारी टीवी से पल-पल का रुझान लेते रहे. साथ में लगी स्क्रिन से लोकल इनपुट भी उनको मिलता रहा. हालांकि इस दौरान डीएम एसए मुरुगेशन और एसएसपी निवेदिता कुकरेती को कर्मचारी ढूंढ़ते रहे, लेकिन वू कहीं दिखाई नहीं दिए.