गोरखपुर (ब्यूरो)। इस बार लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव के इलेक्शन से ईसीआई डिजिटली 'एप-टू डेट होंगे, जिसके जरिए न सिर्फ वोटर्स, बल्कि कैंडिडेट्स और ऑफिशियल्स भी अपने जरूरी काम पूरे करेंगे और उन्हें किसी चीज के लिए इधर-उधर दौड़ नहीं लगानी होगी.हर सर्विस के लिए अलग मोबाइल एप ईसीआई ने इलेक्शन में अलग-अलग कैटेगरी के लिए अलग-अलग एप लांच किए हैं. इसमें वोटर सेंट्रिक सर्विस के लिए अलग मोबाइल अप्लीकेशन बनाई गई है, तो वहीं दूसरी ओर इलेक्शन में जोर आजमाने की चाह रखने वाले कैंडिडेट्स और पॉलिटिकल पार्टीज के लिए अलग से एप की व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं इलेक्शन में लगे ऑब्जर्वर, रिटर्निंग ऑफिसर्स और डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल ऑफिसर के लिए अलग-अलग मोबाइल एप डेवलप की गई है, जिसके जरिए इलेक्शन को कंडक्ट कराया जाएगा.

पब्लिक सपोर्ट के लिए सी-विजिल

आचार संहिता के लागू होते ही इलेक्शन कमीशन कैंडिडेट्स की निगरानी में लग जाता है. किसी तरह से वोटर्स को डराया, धमकाया या प्रलोभन न दिया जाए. इसके लिए उनकी टीम

के साथ ही जिला निर्वाचन सेल और पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ जाता है. इस बार इलेक्शन में ईसीआई ने पब्लिक से सपोर्ट भी मांगा है. इसके लिए 2019 में हीं

लांच की गई सी-विजिल एप को अपग्रेड किया गया है और इसमें आम आदमी को एक्सेस देते हुए उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए फोटो, वीडियो और दूसरे एविडेंस को अपलोड

करने की व्यवस्था दी है. अगर कोई भी व्यक्ति मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के रूल्स को वॉयलेट कर रहा है, उसकी फोटो वीडियो डायरेक्ट एप के जरिए इलेक्शन कमिशन के पास पहुंच

जाएगी और उसपर 100 घंटे में एक्शन होगा.

यह मोबाइल एप एक्टिव -

सी-विजिल - इसके जरिए एमसीसी के वॉयलेशन की रिपोर्ट की जा सकती है, फोटो-वीडियो को इस एप के जरिए अपलोड करने की सुविधा है.

वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप - इसके जरिए इलेक्टोरल रोल, ऑनलाइन फॉर्म जैसी सुविधा को अवेल किया जा सकता है.

सुविधा - इसके जरिए कैंडिडेट्स जुलूस आदि की परमिशन ले सकते हैं. वहीं अधिकारी इसके जरिए ही ऑनलाइन परमिशन देंगे. यह सिर्फ कैंडिडेट्स और पार्टी के लिए है.

ऑब्जर्वर एप - इससे आरओ और ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट ईसीआई को भेज सकेंगे.

ईएमएस - इसके जरिए ईवीएम मशीन का रैंडमाइजेशन किया जाएगा.

गरुणा - इसके लिए इलेक्शन की मॉनीटरिंग की जाएगी.

पीडब्ल्यूडी - पब्लिक विद डिसएबिलिटी एप के जरिए डिसएबल पर्सन को सुविधाओं के लिए अप्लाई करने का मौका मिलेगा.

वर्जन...

इलेक्शन में कई एप का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें कुछ पब्लिक के लिए डेवलप की गई हैं, वहीं कुछ एप के जरिए सिर्फ ऑफिशियल वर्क होंगे. इलेक्शन में इन्हें एक्टिवली

इस्तेमाल किया जाएगा.

- जेएन मौर्या, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी

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