-साल भर बाद किसी बड़े मामले में आया माफिया सरगना का नाम

-2014 में जेल से ही बबलू ने रची थी सूरत के हवाला कारोबारी से 150 करोड़ वसूलने की साजिश

-यूपी में विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार किसी बड़े मामले में आया बबलू का नाम

-2004 में सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से भरा था पर्चा

ALLAHABAD: मुंबई ब्लास्ट के आरोपी दाउद इब्राहिम के साथी रहे माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव की सरगर्मी जिस तरह से बढ़ी है उससे कयासों का बाजार गर्म हो गया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद अचानक जिस तरह से बड़े सर्राफा कारोबारी के किडनैपिंग में माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव का नाम सामने आया है, उससे यही लग रहा है कि वह अपना टेरर बनाने के साथ ही चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

चार पर हो रही सुनवाई

1982 में अपराध जगत में कदम रखना वाला माफिया डॉन ओमप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में कुल 60 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 54 मामले खत्म हो चुके हैं। एडिशनल कमिश्नर एलडी अरोड़ा के हत्या के आरोप में 54 वर्षीय माफिया बबलू को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।

हवाला कारोबारी पर हमला

मार्च 2014 में 700 करोड़ के हवाला घोटाले में फंसे सूरत के व्यापारी अफरोज फत्ता से 150 करोड़ रुपए वसूलने की साजिश रची गई थी। जिसमें बबलू का नाम आया था। सूरत पुलिस ने जिन बदमाशों को पकड़ा था उन्होंने बबलू का नाम बताया था। बबलू पर ही हमले की प्लानिंग करने और सुपारी लेने का आरोप था। सूरत पुलिस ने व्यापारी के घर पर हुए हमले और वसूली की प्लानिंग के आरोप में बबलू श्रीवास्तव से पूछताछ की थी। बबलू को कमांडो सिक्योरिटी में सूरत ले जाया गया था। इस मामले में अभी केस न्यायालय में चल रहा है।

दिल्ली में नहीं कोई केस

दिल्ली में बबलू श्रीवास्तव के खिलाफ कुल चार मामले दर्ज थे। जिनमें कार्रवाई चल रही थी। चार के चारों मामलों में बबलू बरी हो चुका है। अब दिल्ली में उसके खिलाफ कोई मामला नहीं है। दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, एमपी के साथ ही अन्य राज्यों में कुल मिला कर करीब 60 मामले बबलू के खिलाफ दर्ज थे जिनमें से करीब 56 मामले कोर्ट में सुनवाई के बाद खत्म हो चुके हैं। क्योंकि ज्यादातर मामलों में बबलू श्रीवास्तव का नाम जरूर आया, लेकिन सबूत और गवाहों के अभाव में बबलू के खिलाफ अपराध साबित नहीं हो सका।

काट रहा उम्र कैद

अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के इशारे पर 24 मार्च 1993 को बबलू श्रीवास्तव, कमल किशोर और मंजीत ने एडिशनल कमिश्नर एलडी अरोड़ा की इलाहाबाद में हत्या कर दी दी। अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या उस समय की गई थी, जब वे अपनी कार से अपने घर लौट रहे थे।

सीओ को दी थी धमकी

सरदार पटेल मार्ग स्थित एक बंगले पर हो रहे कब्जे के खिलाफ कार्रवाई करने पर बबलू श्रीवास्तव ने तत्कालीन सीओ राजेश्वर सिंह को कॉल किया था और उन्हें धमकी दी थी।