- लोड बढ़ते ही दगने लगते हैं बरहुआं और फर्टिलाइजर सब स्टेशन के उपकरण

- दोनों सब स्टेशन पार कर चुके उम्र, एक बार में 12 घंटे तक कट रही बिजली

GORAKHPUR: शहर में बिजली सप्लाई की स्थिति फिलहाल सुधरती नहीं नजर आ रही। इसका कारण है यहां के सब स्टेशनों की हालत। लगातार लोड बढ़ने के कारण शहर के बरहुआं और फर्टिलाइजर सब स्टेशन की स्थिति खराब होती जा रही है। स्थिति ये है कि हर साल इन पर 20 से 30 प्रतिशत लोड बढ़ता जा रहा है। यही कारण है अक्सर सब स्टेशनों के उपकरण दग जा रहे हैं। जिन्हें ठीक करने में कर्मचारियों को 10 से 12 घंटे तक लग जाते हैं।

सभी ट्रांसफार्मर ओवरलोडेड

बरहुआं सब स्टेशन के एसडीओ ने बताया कि यहां लगे सभी ट्रांसफार्मर काफी पुराने हो चुके हैं। साथ ही इन पर लोड भी काफी अधिक रहता है। जब भी बिजली की मांग बढ़ती है, ओवरलोड के कारण उपकरण गर्म होने लगते हैं। उपकरणों को बचाने के लिए कटौती करनी पड़ती है। अगर यह कटौती न की जाए तो उपकरण जल जाएंगे, जिससे आधा सब स्टेशन ठप हो जाएगा। एसडीओ ने बताया कि इस सब स्टेशन पर केवल 120 एमवीए क्षमता की वृद्धि की जा सकती है, जबकि इस समय 200 केवी की बिजली की मांग है। वहीं फर्टिलाइजर मेन सब स्टेशन का भी यही हाल है। यहां पर तो ट्रांसफॉर्मर्स पर भी दोगुना लोड है।

छह लाख कंज्यूमर्स प्रभावित

बीते शुक्रवार की रात नौ बजे बरहुआं में फॉल्ट हुआ, जिसको विभाग के कर्मचारियों ने दो घंटे में सही कर लिया। लेकिन शनिवार की भोर चार बजे फर्टिलाइजर की बिजली गुल हो गई। जिसे सही करने में 14 घंटे का समय लग गया। एक जेई ने बताया कि शाम होते ही बिजली की खपत बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में लोड बढ़ने लगता है और मेन कनेक्टर और टीसी गर्म होने लगते हैं। इनको बचाने के लिए बिजली कटौती की जाती है। सब स्टेशनों पर हो रही आवरलोड की इस समस्या के चलते हो रही कटौती से लगभग छह लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं।

बरहुआं की बढ़ती गईं मुश्किलें

गोरखपुर और महराजगंज जिले में बिजली सप्लाई करने के लिए 1979 में बरहुआं में 220 केवी सब स्टेशन की स्थापना की गई। उस समय इस पर 100 एमवीए की क्षमता के दो और 20 एमवीए की क्षमता के दो ट्रांसफामर लगाए गए। वर्तमान में 100 एमवीए के दो, 160 एमवीए का एक, 63 एमवीए और 40 एमवीए की क्षमता का एक-एक ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। इस मेन सब स्टेशन पर अनपरा से चार इनकमिंग फीडर हैं। यहां से 132 केवी के 8 आउटगोइंग फीडर, 33 केवी के 7 आउटगोइंग फीडर द्वारा बिजली सप्लाई होती है। इससे रुस्तमपुर, लालडिग्गी और नौसढ़ कुल तीन फीडर सिटी में बिजली सप्लाई करते हैं। बरहुआं के एक कर्मचारी ने बताया कि एक साल पहले यहां 60-60 एमवीए के दो और ट्रांसफार्मर लगाकर क्षमता बढ़ानी थी, लेकिन अभी तक यह ट्रांसफॉर्मर नहीं लगा।

फर्टिलाइजर पर नहीं दिया ध्यान

फर्टिलाइजर मेन सब स्टेशन पहले केवल फर्टिलाइजर को बिजली देता था, लेकिन 1990 के बाद इससे शहर और ग्रामीण अंचल में बिजली सप्लाई चालू कर दी गई। उस समय यहां पर 63 एमवीए और 40 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए गए, बाद में एक और 100 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगाया गया। उसके बाद अब तक इसकी क्षमता की वृद्धि नहीं की गई है।