बिजली खपत न होने के बावजूद बिल के आने से रेस्टोरेंट्स मालिक परेशान

PRAYAGRAJ: मार्च के लास्ट से कोरोना को मात देने के लिए लॉकडाउन जारी है। इस वजह से सिटी की मार्केट भी बंद है। पर अब करीब दो माह बाद व्यवसायियों को बिजली विभाग की ओर से जो बिल भेजा जा रहा है, वह हजारों में है। इसको देखकर रेस्टोरेंट मालिकों की भी परेशानी बढ़ा दी है, जबकि सरकार ने साफ तौर पर आदेश दिया था कि जितनी बिजली की खपत होगी। पेमेंट भी सिर्फ उतने का ही करना होगा।

केस- वन

सिविल लाइन स्थित रेस्टोरेंट्स मालिक अनिल पांडेय ने बताया कि उनका रेस्टोरेंट्स दो महीने से बंद है। अंदर सिंगल एक भी लाइट नहीं जल रही है। इसके बावजूद बिल छह हजार रुपये का थमा दिया गया। इस संबंध में बातचीत करने समीप डिवीजन कार्यलय पहुंचे। वहां मौजूद अधिकारियों से बात किया, लेकिन जवाब स्पष्ट नहीं मिला। उनको बताया गया कि बिल जमा करना ही होगा।

केस- टू

रेस्टोरेंट्स और बार मालिक सुमित सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के समय रेस्टोरेंट्स और बार दोनों बंद है। फिर भी बिल आ रहा है और जमा करने के लिए विभाग द्वारा रेस्टोरेंट्स के बाहर पर्चा चिपकाया जा रहा है। इनका कहना है कि सरकार द्वारा निर्देश है कि जितना खपत होगा। बिल भी उतने का देना होगा। इस लॉकडाउन ने व्यापारियों की पहले से कमर तोड़ रखा है। ऊपर बिजली विभाग तो कभी मकान मालिक पीछे पड़े है। ऐसे में समझ नहीं आ रहा है कि बिना इनकम कहां से पैसा जमा करें।

केस- थ्री

ढाबा मालिक ऋषभ जौहरी के साथ भी ऐसा ही हुआ। उनका रेस्टोरेंट्स दो महीने से बंद है। फिर भी बिजली विभाग द्वारा लगातार मैसेज करके बिल जमा करने को कहा जा रहा है। उनका कहना है कि जितना चालू समय में बिल आता था। उतना ही बिल आया है। ऐसे में सरकार द्वारा क्या छूट दिया गया। सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाया गया है। बिना इनकम बिजली बिल जमा करना बिल्कुल संभव नहीं है। बिजली विभाग क्लियर बात करता नहीं है।

वर्जन

टेंशन लेने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। जितना खपत हुआ होगा उतने का ही बिल देना होगा। जब मीटर रीडर यूनिट लेने जाएगा तो एडजस्ट करके ही बिल बनाएगा। अगर किसी कंफ्यूजन है तो व्हाट्सएप नंबर 9450963653 पर बिल भेज कर क्लियर कर सकता है।

अनुप सिन्हा, अधिशाषी अभियंता म्योहॉल डिवीजन