- चौथी बार जाकर फाइनल हो पाया टेंडर लेकिन क्वालीफाई करने वाली फर्म को लेकर आ गई आपत्ति

<- चौथी बार जाकर फाइनल हो पाया टेंडर लेकिन क्वालीफाई करने वाली फर्म को लेकर आ गई आपत्ति

GORAKHPUR:

GORAKHPUR: सिटी के तारामंडल एरिया में निर्माणाधीन चिडि़याघर के लिए क्क् केवी लाइन बनाने का टेंडर बिजली विभाग के लिए बवाल ए जान बन गया है। सिटी के एसई की ओर से चार बार फ्म् लाख का टेंडर निकाले जाने पर चौथी बार में एक फर्म फाइनल भी हुई तो उसे लेकर भी आपत्ति खड़ी हो गई है। टेंडर डालने वाली चार फर्मो में से दो का आरोप है कि फाइनल की गई फर्म ने अधूरे डॉक्युमेंट अपलोड किए लेकिन उसे क्वालिफाई कर दिया गया।

अधूरे डॉक्युमेंट डाल ही क्वालीफाई हो गई फर्म

राजकीय उद्यान डिपार्टमेंट ने अगस्त-ख्0क्9 में बिजली विभाग से चिडि़याघर के लिए अलग फीडर से बिजली देने की मांग की थी। बिजली विभाग ने सर्किट हाउस उपकेंद्र से दो किमी लाइन बनाने के लिए क्.ख्0 करोड़ रुपए का इस्टीमेट उद्यान विभाग को दिया। इस पैसे को उद्यान विभाग ने सितंबर-ख्0क्9 में जारी कर दिया। सिटी के एसई ने सितंबर ख्0क्9 के अंतिम हफ्ते में फ्म् लाख का टेंडर निकाला लेकिन इसमें किसी ठेकेदार ने इंट्रेस्ट नहीं दिखाया। दोबारा अक्टूबर में निकाले गए टेंडर के लिए दो फर्मो ने ही दावेदारी की जबकि नियम के मुताबिक मिनिमम तीन फर्मो का टेंडर डालना जरूरी है। इसलिए दिसंबर के आखिरी हफ्ते में तीसरी बार टेंडर निकला जिसमें तीन फर्मो ने इंट्रेस्ट दिखाया लेकिन उनमें एक के डॉक्युमेंट अधूरे होने के चलते टेंडर कैंसिल हो गया। उसके बाद विभाग द्वारा जनवरी में चौथी बार फिर टेंडर निकला। इस बार चार फर्मो ने टेंडर डाला जिसमें एक फर्म फाइनल कर दी गई। लेकिन दो फर्मो का आरोप है कि इस फर्म ने अधूरे दस्तावेज अपलोड किए लेकिन अफसरों ने टेंडर की शर्तो की अनदेखी कर उसे क्वालीफाई कर दिया है। इन फर्मो ने पत्राचार के जरिए निगम के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

तो क्या ई टेंडर प्रणाली में हो रहा खेल

मेसर्स आकाश ट्रेडर्स द्वारा अधूरे दस्तावेज अपलोड करने को आधार बनाकर ऋषि टेंडर्स व एक अन्य फर्म ने शहरी एसई को पत्र लिखकर उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। फर्मो ने पूछा है कि टेंडर की शर्तो के उल्लंघन के बावजूद मेसर्स आकाश ट्रेडर्स को टेक्निकल बीड में क्वालीफाई कैसे कर दिया गया। वहीं इस तरह घमासान होने पर एसई ने मामले को चीफ इंजीनियर के पास भेज दिया है। ठेकेदारों का आरोप है कि ई टेंडर प्रणाली में भी अफसर खेल कर रहे हैं। अपने चहेते ठेकेदारों को कार्य आवंटित करने के लिए अफसर निविदा शर्तो की अनदेखी कर रहे हैं। ठेकेदारों ने पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम एमडी व पॉवर कॉरपोरेशन के एमडी को भी पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया है।

वर्जन

चिडि़याघर की लाइन बनाने के लिए टेंडर फाइनल चरण में है। टेंडर में शामिल दो फर्मो ने आपत्ति दर्ज कराई है कि एक फर्म द्वारा अधूरे दस्तावेज अपलोड किए जाने के बावजूद उसे क्वालीफाई कर दिया गया। चीफ इंजीनियर को अवगत करा दिया गया है। वहां से निर्णय आने के बाद अगले चरण की कार्यवाही की जाएगी।

ई। यूसी वर्मा, शहर एसई

चिडि़याघर की लाइन बनाने के लिए टेंडर एसई ऑफिस ने निकाला है। यदि एक फर्म ने अधूरे दस्तावेज अपलोड किए हैं तो उससे बाकी दस्तावेज भी जमा कराए जाएंगे। विवाद बढ़ने पर टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा। अभी चिडि़याघर को बिजली की जरूरत भी नहीं है।

ई। देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर