- सब स्टेशनों पर तैनात रही इमरजेंसी टीम

- पीवीवीएनएल के अंतगर्त आने वाले सभी 14 जिलों के सब स्टेशनों पर तैनात रही इमरजेंसी टीम

- आम दिनों में शहर में बिजली का का लोड 300 मेगावाट

- प्रधानमंत्री की अपील के दौरान आई लोड में करीब 60 मेगावाट की कमी

- पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में 56 लाख के करीब कंज्यूमर

- मेरठ शहर में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या करीब करीब 3 लाख

- 33 केवीए के बिजली घरों की शहर में संख्या करीब 51

- लाइटें बंद होते ही करीब 60 मेगा वॉट की आई लोड में कमी

Meerut । प्रधानमंत्री की अपील के बाद रविवार रात नौ बजे नौ मिनट के लिए बिजली बंदकर शहर के लोगों ने टार्च, मोबाइल लाइट और दीपक जलाकर कोरोना की जंग में एक दूसरे के साथ का संदेश दिया। नौ मिनट के लिए शहर मे मानों जैसे दीपावली ही मन गई। बस पटाखों का शोर नही था, लेकिन अंधेरे में पूरा शहर दीयों की रोशनी से जगमगा रहा था। ऐसे में शहर की बिजली व्यवस्था प्रभावित ना हो इसके लिए बिजली विभाग की टीम शहर के सभी सब स्टेशनों पर तैनात रही। इस दौरान करीब 60 मेगा वॉट के लोड का अंतर आम दिनों के लोड की तुलना में रहा।

कैपेसिटर बैंक हुए आइसोलेट

विद्युत विभाग को उम्मीद थी कि जब शहर में भी लोग नौ मिनट बिजली एक साथ बंद करेंगे तो ग्रिड पर हाईवोल्टेज की स्थिति बन सकती है, जिसे देखते हुए बिजली विभाग रविवार शाम को पूरी तरह अलर्ट रहा। मेरठ समेत सभी 14 जिलों में रात आठ बजे ही सभी बिजली उपकेंद्रों के कैपेसिटर बैंक आइसोलेट कर दिए गए। कैपेसिटर बैंक हटाने से बिजली बंद होने पर लोड में कोई फर्क नहीं आया। लोड में कमी की संभावना को देखते हुए दिन में ही मुख्यालय से अपने अपने जनपदों में सब स्टेशन से लेकर शहरों की स्ट्रीट लाइट और पॉवर कट ना करने का आदेश जारी कर दिया गया। वहीं लोड कम होने से वोल्टेज ना बडे़ इसके लिए पॉवर एमडी द्वारा भी सभी से अपने घर के विद्युत उपकरण जारी करने की अपील भी की गई। जिसके चलते वोल्टेज अधिक लो नही हुआ। नौ मिनट तक के लिए लोगों ने अपने घरों की लाइट बंद रखी जिससे करीब 60 मेगा वॉट की कमी दर्ज की गई। जबकि आम दिनों में 9 बजे की पीक ऑवर पर 300 मेगा वॉट का लोड रहता है।

हमने पहले ही सभी सब स्टेशनों पर इमरजेंसी टीम रखी हुई थी। करीब 60 मेगा वॉट कमी का अंदाजा था उसी के अनुसार व्यवस्थाएं बनाई गई थी।

- एके सिंह, सिटी एसई