सबसे बढ़ी हाइक
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन ने बिजली के रेट बढ़ाने का प्रपोजल पहले ही यूपीईआरसी को सौंप दिया था। जिसके मुताबिक लाइफ लाइन व डोमेस्टिक लाइट एंड फैन कन्ज्यूमर्स को छोडक़र लगभग अन्य सभी कैटेगिरी के कन्ज्यूमर्स के लिए बिजली के रेट बढ़ाना प्रस्तावित किया गया है। यूपीईआरसी के चेयरमैन राजेश अवस्थी ने बताया कि पॉवर टैरिफ में लगभग 40 परसेंट वृद्धि प्रस्तावित की गई है, जिसमें कॉमर्शियल, इंडस्ट्रियल, पब्लिक व प्राइवेट इंस्टीट्यूशन, मल्टीस्टोरी-टाउनशिप(सिंगल प्वाइंट) आदि कैटेगिरी के कन्ज्यूमर्स शामिल है। उन्होंने कहा कि कैश गैप को पूरा करने और पॉवर सप्लाई सिस्टम को सुधारने के लिए पॉवर टैरिफ में वृद्धि जरूरी है। पॉवर टैरिफ पर लखनऊ में पब्लिक हियरिंग के बाद इस पर डिसीजन किया जाएगा। सुनवाई में मिली आपत्तियों व डेटाबेस का एनॉलिसिस करके सितंबर तक कर लिया जाएगा। एक अक्टूबर तक नया पॉवर टैरिफ घोषित किया जा सकता है।

जमकर हुआ विरोध
पॉवर टैरिफ में प्रपोज्ड हाइक पर पब्लिक हियरिंग के लिए सैटरडे को यूपीईआरसी के चेयरमैन राजेश अवस्थी, मेंबर श्रीराम व मीनाक्षी सिंह सिटी आए। सीएसए के लाल बहादुर शास्त्री कृषक सभागार में ऑर्गनाइज्ड इस प्रोग्र्राम में बिजनेसमेन, इंडस्ट्रियलिस्ट आदि ने पॉवर टैरिफ का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केस्को की अकुशलता का बोझ बिजली के रेट बढ़ाकर उन पर डाला जाएगा। केस्को से बिजली का नया कनेक्शन लेना बहुत मुश्किल होता है। कनेक्शन न देकर बिजलीचोरी के लिए लोगों को मजबूर किया जाता है। इसमें भी केस्को कर्मचारियों की मिलीभगत रहती है। बिल सुधारने के नाम पर केस्को के खजाने का नुकसान कर बाबू और इंजीनियर अपनी जेब भरते है। लाइनलॉस में कमी के लिए न के बराबर काम किया जा रहा है।

पहले इस तरह हुई पॉवर टैरिफ में बढ़ोत्तरी
फाइनेंशियल इयर- टैरिफ हाइक(परसेंट में)
2009-10-   13.0
2008-09     13.92
2007-08     0.80  
2004-05     6.40
2003-04     1.70
2002-03     7.00
2001-02     4.09
2000-01     3.00


टोटल कन्ज्यूमर्स- 540117
डोमेस्टिक(लाइट एंड भवन)- 381873
सिंगल प्वाइंट(बल्क लोड)- 63
कॉमर्शियल(नॉन डोमेस्टिक)-90684
पब्लिक इंस्टीट्यूशनंस- 901
प्राइवेट इंस्टीट्यूशनंस- 128
स्मॉल एंड मीडियम पॉवर- 7126
नॉन इंडस्ट्रियल बल्क लोड-113
लार्ज एंड हैवी पॉवर- 519

ये है पॉवर टैरिफ प्रस्तावित वृद्धि

कॉमर्शियल कन्ज्यूमर्स
एनर्जी चार्ज- 4.95 से 5.75 रुपए प्रति यूनिट (300 यूनिट तक)
एनर्जी चार्ज- 4.95 से 6.0 रुपए प्रति यूनिट(300 यूनिट से अधिक)
फिक्स्ड चार्ज- 115 से 300 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना
मिनिमम चार्ज-345 से 500 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना

प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस
एनर्जी चार्ज-4.95 से 6.75 रुपए प्रति यूनिट
फिक्स्ड चार्ज- 110 से 180 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना

स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्रीज
एनर्जी चार्ज- 4.95 से 6.25 रुपए प्रति यूनिट
फिक्स्ड चार्ज- 115 से 230 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना
मिनिमम चार्ज- 500 से 800 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना
(इनके अलावा स्ट्रीट लाइट, पब्लिक वाटर वक्र्स, सिंगल प्वाइंट बल्क लोड(टाउन शिप, मल्टीस्टोरी आदि), लार्ज एंड हैवी पॉवर कन्ज्यूमर्स का पॉवर टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव है)


केस्को इम्प्लॉइज का एटीट्यूड सही नहीं है। इम्प्लॉई फ्री में बिजली जलाते हैं और दूसरों को बांटकर वसूली भी करते है। सिटी की इंडस्ट्रीज से सबसे अधिक रेवेन्यू मिलता है, लाइन लॉस भी सबसे कम है। टैरिफ नहीं बढऩा चाहिए।
राजेश ग्र्रोवर, जनरल सेक्रेटरी, आईआईए

केस्को का पॉवर सप्लाई सिस्टम जर्जर व अनसेफ है। रोज ब्रेकडाउन हो रहे हैं। घंटों बिजली गायब रहती है। हादसे होते हैं। मगर सिस्टम सुधारने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बस रेवेन्यू ही वसूला जा रहा है। टोरेंट को फ्रेंचाइजी देने का बहाना बना दिया जाता है।
जीआर अंबवानी, इंडस्ट्रियलिस्ट

केस्को की अकुशलता का बोझ लोगों पर डाला जा रहा है। जबकि सिस्टम सुधारकर बिजलीचोरी-लाइन लॉस में लाने की कोशिश कम ही हो रही है। नए कनेक्शन देने से समस्या काफी कुछ कम हो सकती है।
अतुल सेठ, स्टेट जनरल सेक्रेटरी, पीआईए

केस्को को अगर घाटा हो रहा है तो उसकी वजह भी खुद ही है। नए कनेक्शन में लापरवाही होती है, 33 हजार के बिल जुगाड़ू इंजीनियर पलभर में 5 हजार कर देते है। बिजली के रेट बढऩे से बिजली चोरी भी बढ़ेगी। जब एनर्जी चार्ज लिया जा रहा है तो मिनिमम व फिक्स्ड चार्ज नहीं लिया जाना चाहिए.
महेश मेघानी


45 लाख की आबादी में केवल 4.50 लाख बिजली कनेक्शन है। अन्य लोग केस्को की मिलीभगत से या कनेक्शन न देने की वजह से मजबूरी में बिजली का यूज कर रहे है। इन्हें कनेक्शन देकर बिजलीचोरी रोकी जा सकती है।
लाडली प्रसाद, लघु उद्योग भारती

कम बिजली तो कम मिनिमम चार्ज

केस्को जितनी कम बिजली देगा, उतना ही कम लोगों को मिनिमम चार्ज देना पड़ेगा। इसके संकेत यूपीईआरसी के चेयरमैन राजेश अवस्थी ने दिए है। उन्होंने कहा कि बिजनेसमैन, इंडस्ट्रियलिस्ट ने पॉवर सप्लाई कम मिलने और पीक ऑवर्स में बिजली गुल रहने की शिकायत की है। इसलिए मिनिमम चार्ज को पॉवर सप्लाई से लिंक करने पर विचार किया जा रहा है। यानि कि केस्को जितनी कम पॉवर सप्लाई करेगा, उसी हिसाब से मिनिमम चार्ज भी लिया जाएगा।

अस्थाई कनेक्शन पर राहत
शादी-विवाह या फंक्शन या घर आदि के निर्माण के लिए जाने वाले अस्थाई कनेक्शन में वसूले जाने वाले बिजली के रेट से भी लोगों को राहत मिल सकती है। विद्युत नियामक आयोग ने सीएसए में पब्लिक हियरिंग के बाद ऐसे संकेत दिए। मीटर चेकिंग के दौरान लोगों पर सील टेम्परिंग का आरोप लगाकर जेई व अन्य उत्पीडऩ करते है। इसकी शिकायत भी आयोग तक पहुंची है। इसीलिए आयोग के सदस्यों ने इसे परिभाषित कर नई गाइड लाइंस जारी करने का भरोसा दिया।

तो देना होगा मुआवजा
आयोग के अध्यक्ष राजेश अवस्थी ने कहा है कि नए कनेक्शन, परमानेंट डिसकनेक्शन और पॉवर क्राइसिस आदि को लेकर भी शिकायतें मिली हैं। अब ऐसी लापरवाही की शिकायतें की गईं तो विभाग को मुआवजा भी देना होगा। अब इसमें टम्र्स एंड कंडीशन भी हटा दी गई है, जिससे उपभोक्ताओं का लाभ मिल सके।