-पिछले एक सप्ताह से हाथियों के झुंड ने रौंद डाली है फसल

-करीब चार हाथियों के झुंड में हाथी का बच्चा भी शामिल

देहरादून, सीएम के विधानसभा क्षेत्र स्थित खैरी-दो में हाथियों की झुंड ने आतंक फैला दिया है। किसानों की फसल रौंद कर हाथियों ने बर्बाद कर दी है। इस बारे में किसानों में आक्रोश है। खैरी-दो में ट्यूजडे को गढ़वाल महासभा संघ की बैठक आयोजित हुई। जिसमें वन विभाग से मांग की गई कि किसानों की फसल बर्बाद होने का मुआवजा दिया जाए और विभाग हाथियों के आतंक से निजात दिलाए। वहीं वन विभाग ने भरोसा दिया है कि जिन किसानों की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।

एक हफ्ते से आ रहे हाथी

डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के तहत खैरी-दो में आजकल हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया हुआ है। हाथियों का झुंड रात में खेतों तक पहुंच रहा है। जिसके बाद फसल को रौंदकर झुंड लौट जा रहा है। यहां तक कि हाथियों का झुंड घरों की करीब पहुंचकर दीवारें तक तोड़ रहा है। खैरी-दो में पिछले एक सप्ताह से हाथियों का झुंड लगातार फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का विधानसभा क्षेत्र होने के कारण स्थानीय लोगों में नाराजगी है। उन्होंने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हाथियों के झुंड से निजात दिलाने के साथ ही नुकसान किए गए फसल का मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है।

लोगों में नाराजगी

ट्यूजडे को गढ़वाल महासभा की खैरी-दो वन विभाग की चौकी में बैठक आयोजित हुई। जिसमें वन विभाग के कार्मिकों को भी बुलाया गया। लच्छीवाला रेंज के फॉरेस्टर राम प्रसाद बिंजोला ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से यकीनन हाथियों के झुंड ने इलाके में फसल को नुकसान पहुंचाया है। कई बार भगाने के बावजूद हाथी दुबारा दस्तक दे रहे हैं। वहीं लच्छीवाला एसडीओ घनानंद उनियाल ने बताया कि हाथियों को इलाके से भगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, वे दोबारा इलाके में दस्तक दे रहे हैं। वन विभाग की टीम के लगातार प्रयास जारी हैं। बैठक में गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष आशीष गुसांई, मानवेंद्र रावत, लक्ष्मण सिंह नेगी, मातबर सिंह रावत, गम्मा भाई आदि मौजूद रहे।

सोलर फेंसिंग योजना लापता

बताया गया है कि कुछ साल पहले सुसुवा से लेकर सौंग तक करीब 25 सोलर फेंसिंग को लेकर विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन अब तक इसे विभागीय मंजूरी नहीं मिल पाई। खुद एसडीओ लच्छीवाला ने बताया कि सोलर फेंसिंग के निर्माण से काफी राहत मिल जाती।