- 10 किलोवाट से अधिक और कम दो कैटेगरी में बटेंगे

- दो तरह से होगा कंज्यूमर्स के मीटर की रीडिंग

-एसबीएम और नॉन एसबीएम कैटेगरी में बांटने की तैयारी

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BAREILLY: बिजली विभाग बिजली चोरी रोकने और कंज्यूमर की गतिविधियों पर नजर रखने की प्लानिंग कर रहा है। इसके लिए विभाग कंज्यूमर्स को दो कैटेगरी में बांटने की तैयारी में जुट गया है। इन कंज्यूमर की मीटर रीडिंग भी दो तरह से की जाएगी। इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए विभाग के अधिकारियों ने ट्यूजडे को पॉवर कॉरपोरेशन के डायरेक्टर को मेल भेज सहमति मांगी थी। जिस पर डायरेक्टर ने मौखिक रूप से काम को शुरू करने के लिए सहमति जता दी है।

विभाग ने तैयार कर लिया प्लान

विभाग के एक्सईएन पीए मोगा ने बताया कि क्0 किलोवॉट से ज्यादा लोड वाले कंज्यूमर को एक तथा उसके नीचे वाले को दूसरी कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। अधिकारियों की मानें तो इन कंज्यूमर्स की मीटर रीडिंग भी दो तरह से होगी। क्0 किलोवॉट के नीचे वाले कंज्यूमर की स्पॉट बिलिंग मशीन (एसबीएम) और क्0 किलोवॉट से अधिक लोड वाले कंज्यूमर का मीटर रीडिंग इंस्टूमेंट (एमआरआई) के माध्यम से मीटर रीडिंग होगी।

रिकॉर्ड मेंटेन करने में होती है दिक्कत

प्रजेंट टाइम में विभाग के सभी कंज्यूमर्स की एसबीएम के माध्यम से ही मीटर रीडिंग हो रही है। इस वजह से रीडिंग में कई तरह की परेशानी हो रही है। वहीं कंज्यूमर्स के आंकड़े तैयार करना और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने में भी अधिकारियों को समस्या हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि क्0 किलोवॉट वाले कंज्यूमर के यहां किलोवोल्ट एम्पीयर हॉवर के हिसाब से बिजली की सप्लाई होती है। जबकि उससे कम किलोवॉट वाले कंज्यूमर को किलोवॉट हॉवर के तहत बिजली सप्लाई होती है। ऐसे में एक ही कैटेगरी में रिकॉर्ड मेंटेन करने में प्रॉब्लम्स होती है।

कंज्यूमर पर प्रॉपर रहेगी नजर

विभाग की इस नई व्यवस्था के बाद काफी राहत मिलेगी। क्योंकि एक बड़े ग्रुप के कंज्यूमर को अलग कैटेगरी में कर देने से विभाग की नजर उन पर प्रॉपर बनी रहेगी। बड़े कंज्यूमर्स को हर कंडीशन में पॉवर फैक्टर मेंटेन करना होता है, लेकिन वे ऐसा नहीं करते हैं।

एसबीएम और नॉन एसबीएम में कंज्यूमर को बांटा जाएगा। इसके लिए ट्यूजडे को डायरेक्टर से मौखिक सहमति मिलते ही इस संबंध में काम भी शुरू कर दिया गया है।

एनसी अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग