आई एक्सक्लूसिव

- पासपोर्ट बनवाने में आसान होगी कागजी कार्रवाई

- बर्थ सर्टिफिकेट की जगह आधार की मान्यता

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KANPUR। अब पासपोर्ट बनवाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। बर्थ सर्टिफिकेट के स्थान पर आधार कार्ड को मान्य करार दिया गया है। आधार व ई आधार के अलावा 8 अन्य तरह के डाक्यूमेंट्स होंगे, जो कि बर्थ सर्टिफिकेट के तौर पर मान्य होंगे।

1989 के बाद पैदा हुए लोगों का जन्म प्रमाण पत्र होता है अनिवार्य

अभी तक पासपोर्ट विभाग में नियम होता था कि 26 जनवरी 1989 के बाद पैदा हुए लोगों के लिए जन्म प्रमाण पत्र लगाना जरुरी होता था। अब इसी अनिवार्यता को खत्म करके उसकी जगह आधार कार्ड को ही बर्थ सर्टिफिकेट के तौर पर अनुमन्य किया गया है। दरअसल, आधार कार्ड में बर्थ संबंधी डिटेल्स होती है, जिसके चलते ऐसा किया गया है। वहीं आधार कार्ड अब हर जगह लिंक भी है।

बर्थ सर्टिफिकेट की जगह ये होंगे मान्य

एपीओ ने बताया कि बर्थ सर्टिफिकेट की जगह स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, आखिरी शिक्षा का सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, पॉलिसी और बॉन्ड्स के कागज, जिनमें डेट ऑफ बर्थ हो, दे सकेंगे। इसके अलावा पासपोर्ट विभाग ने पासपोर्ट में लगने वाले कागजातों को कम भी किया है। अब तक 15 डॉक्यूमेंट्स लगते थे, पर अब सिर्फ 9 डॉक्यूमेंट्स ही पासपोर्ट में लगेंगे।

सिंगल पेरेंट्स भी होंगे मान्य

एपीओ अजय रस्तोगी ने बताया कि साधु-सन्यासियों के लिए पासपोर्ट में अपना ब्यौरा देना मुश्किलों से भरा होता था, उनका काम थोड़ा आसान किया गया है। माता-पिता की जगह उनके आध्यात्मिक गुरु का नाम लिखा जा सकता है। वहीं कानूनी अभिभावकों में किसी एक के नाम से ही काम चल जाएगा। जिससे सिंगल पेरेंट्स वाले बच्चों का पासपोर्ट जारी करने में आसानी होगी। अनाथ बच्चों के मामले में अनाथालय-चाइल्ड केयर होम के लेटरहेड पर डेट ऑफ बर्थ की पुष्टि की जा सकेगी। गोद लिए बच्चों के मामलों में आवेदक सादे कागज पर सेल्फ डिक्लेरेशन दे सकता है।

'पासपोर्ट विभाग ने पब्लिक की सहूलियतों के लिए कई नियम बनाए हैं। इससे पब्लिक को फायदा होगा। विभागीय आदेशों के बाद इन्हें लागू किया जाएगा.'

- अजय रस्तोगी, एपीओ