- इमरजेंसी स्टाफ ने हालत गंभीर होने पर भी नहीं किया भर्ती

- डॉक्टर से लिखवाकर लाने की बात पर अड़ा रहा स्टाफ

Meerut: मेडिकल में इमरजेंसी स्टाफ की संवेदनहीनता देखिए, गंभीर हालत में मरीज तड़पता रहा और स्टाफ ने गुहार लगाने के बाद भी उसे भर्ती करना जरूरी नहीं समझा। ताज्जुब की बात ये है कि इसके बाद स्टाफ ने मरीज का स्टेचर बाहर निकाल दिया। जिसके चलते गर्म स्टेचर पर मरीज दिनभर पड़ा तड़पता रहा। स्टाफ पर आरोप लगाकर तीमारदारों ने इमरजेंसी में जमकर हंगामा भी किया।

ये है मामला

जनपद मुरादाबाद के गांव पोटा निवासी रामचंद पुत्र स्वर्गीय भगवत सिंह कई माह से किडनी खराब होने बीमार चल रहे थे। जिसके चलते पिछले एक माह से उनका उपचार मुरादाबाद जिला अस्पताल में चल रहा था। हालत गंभीर होने के चलते चिकित्सकों ने उन्हे मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था।

संडे में नहीं होता कोई भर्ती

जब रामचंद्र के तीमारदारों ने मेरठ मेडिकल की इमरजेंसी में आकर उन्हे भर्ती करने के लिए कहा तो स्टाफ ने साफ इंकार कर दिया। उन्होने कहा कि आज संडे हैं, संडे में कोई डॉक्टर ओपीडी नहीं करता, आप सोमवार को आकर डॉक्टर की अनुमति पर ही इमरजेंसी में भर्ती हो सकते हैं। इसके बाद मरीज पूरे दिन स्टेचर पर ही इमरजेंसी के बाहर लेटा रहा।

किया हंगामा

शाम को जब इमरजेंसी स्टाफ का दिल नहीं पसीजा तो तीमारदारों ने उन्हे खरी-खोटी सुनाकर हंगामा किया। लेकिन फिर स्टाफ ने मरीज को भर्ती नहीं किया।

किसी भी मरीज को भर्ती करने के लिए संडे आड़े नहीं आता। साथ ही मरीजों का संडे में भी उतना ही ध्यान रखा जाता है, जितना और दिन। इसके बावजूद भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है तो मामले की जांच कराई जाएगी।

-डॉ। विभू साहनी, सीएमएस मेडिकल कालेज