- टारगेट पूरा न होने पर प्रताडि़त करता था सीनियर

- सामान न बिकने पर भूखे पेट सोते हैं कर्मचारी

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR:
शाहपुर एरिया में मार्केटिंग कंपनी के मैनेजर के मर्डर का आरोपी ससुराल में छिपा हुआ था। दो दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद शाहपुर पुलिस ने उसे बिहार के दरौली गौरी से गिरफ्तार किया। सोमवार को पुलिस उसे लेकर गोरखपुर पहुंची। पूछताछ में बताया कि बॉस की प्रताड़ना से तंग आकर सोते समय डंडे से मारकर जान ले ली थी। बिजनेस का टारगेट पूरा न होने पर मैनेजर रोज उसी डंडे से पिटाई करता था। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल डंडा बरामद कर लिया है। सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी में शामिल इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार शुक्ल, एसआई राजाराम द्विवेदी, कांस्टेबल नित्यानंद, बजरंगी यादव, सोनू और राहुल कुमार को पुरस्कृत किया जाएगा।

टारगेट न पूरा होने पर पीटता था मैनेजर
राजस्थान, झालाबाड़, सुनेल सांगारिया निवासी बजरंगी सिंह मार्केटिंग कंपनी में मैनेजर था। आवास विकास कॉलोनी शाहपुर में किराए पर कमरा लेकर वह ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चलाता था। वहां पर बिहार के बिगहा, रहीम का संजीत कुमार यादव सहित चार लोग काम करते थे। उनमें एक युवती भी शामिल थी। 17 अगस्त की सुबह मैनेजर की डेड बॉडी कमरे में मिली। उसकी हत्या करके संजीत फरार हो गया था। इंस्पेक्टर की अगुवाई में पुलिस टीम ने संजीत को बिहार से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि कंपनी के विज्ञापन में उसे 8500 रुपए, भोजन और रहने की सुविधा देने की बात कही गई थी। लेकिन कंपनी ज्वॉइन करने के बाद उनका उत्पीड़न किया जाने लगा। कंपनी का सामान न बिकने पर मैनेजर बजरंगी सिंह डंडों से पिटाई करता था। प्रमोशन का लालच देकर खूब काम कराया गया। संजीत ने कहा कि टार्चर से तंग आकर उसने बॉस का मर्डर कर दिया। इसके लिए वह कई दिनों से मौके की तलाश में लगा था।

सामान न बिकने पर सोते थे भूखे पेट
पुलिस की जांच में सामने आया कि मार्केटिंग कंपनी से जुड़े कर्मचारी उत्पीड़न की वजह से काफी तनाव में रहते हैं। सुबह गुड मॉर्निग से शुरू होने वाला कामकाज ऐसा था कि आपस में साथियों के बीच कोई बातचीत नहीं होती है। उनका मोबाइल फोन एक डिब्बे में जमा करके रखा जाता है। सामान बेचने निकले युवकों की आपस में मुलाकात होने पर बातचीत की मनाही थी। परिजनों से बात करने के लिए तरस जाना पड़ता है। ब्रांच मैनेजर, सीनियर मार्केटिंग मैनेजर, ग्रुप लीडर सहित कई पदों पर काम करने वाली चार लोगों की टीम में कोई एक दूसरे से बात नहीं करता था। शाम को पांच बजे कंपनी के ऑफिस पर लौटने के दौरान टारगेट अचीव न करने पर बॉस खूब प्रताडि़त करता था। युवकों के साथ काम करने वाली युवती मैनेजर के लिए खाना पकाती थी। जबकि साढ़े बारह फीसदी कमीशन पर काम करने वाले युवक सामान न बिकने पर कई बार बिना भोजन-नाश्ता के रह जाते थे। उनको भूखे पेट सोना पड़ता था।

अपने सीनियर की प्रताड़ना से तंग आकर संजीत ने मर्डर किया था। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी में शामिल टीम को पुरस्कृत करने की सिफारिश एसएसपी से की जाएगी।
- प्रवीण सिंह, सीओ क्राइम