-कंपलेन के बाद भी दसों साल से एक ही पटल पर जमे है कर्मचारी

-करीब 350 निविदा कर्मचारी जिनके कार्यक्षेत्र में नहीं हुआ बदलाव

GORAKHPUR: बिजली निगम में वसूली से लेकर मनमानी तक की शिकायत सामने आती रहती है लेकिन ये कर्मचारी दसों साल से एक ही पटल पर बरगद की तरह जमे हुए हैं फिर भी उनका तबादला नहीं हो सका। जबकि पिछले कई माह से निविदा पर कार्यरत करीब 350 कर्मचरियों का ट्रांसफर किया जाना था। सूत्रों की मानें तो ये कर्मचारी अपने अफसरों को सेट कर अपनी मनमानी कर रहे हैं। बिजली बिलिंग से लेकर मीटर रीडिंग तक में उपभोक्ताओं से वसूली करते रहते हैं। यह बात किसी से छुपी नहीं हैं।

एक तरफ जहां पावर कॉर्पोरेशन अपने उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली देने का दावा कर रहा है तो दूसरी तरफ काफी समय से एक ही पटल पर जमे कर्मचारी उनके अरमानों पर पानी फेरने पर लगे हैं। जिसका नतीजा है कि नये कनेक्शन, मीटर लगाने, लाइन को ठीक कराने, बिलिंग ठीक कराने के लिए उपभोक्ता ऑफिस का चक्कर लगाते हैं लेकिन यहां बिना पैसे का कोई कार्य नहीं होता है। इस संबंध में कई बार उपभोक्ताओं ने शिकायत पोर्टल पर कंपलेन की और लिखित पत्र बिजली निगम के अफसरों को दिए। फिर भी ऐसे कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। आलम यह है कि कई सालों से यह कर्मचारी एक ही जगह पर जमें हुए हैं। पिछले माह बिजली निगम के आला अफसरों की मीटिंग में यह मामला उठा था और इस पर विचार भी किए गए। उसके बाद भी अभी तक मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

कर्मचारियों को हटाने का लिया था निर्णय

पिछली बार पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार ने बिजली चोरी समेत अन्य मामलों पर अंकुश लगाने के लिए बिजली निगम में काफी समय से एक ही जगह पर तैनात निविदा कर्मचारियों को हटाने का फैसला लिया था। लेकिन निगम की सुस्ती की वजह से अभी तक ऐसा नहीं हो सका।

केस 1 -मेडिकल रोड स्थित रामबेलास का कहना है कि कर्मचारी द्वारा मीटर रीडिंग अधिक लेने के कारण बिल अधिक आ गया। इसे दुरूस्त कराने के लिए बिजली निगम के ऑफिस पहुंचा तो पैसे मांगे जा रहे थे। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।

केस 2-बशारतपुर के रहने वाले कमलेश निषाद का कहना है कि कर्मचारियों की मनमानी के चलते आम जनता परेशान होती है। मीटर कम चलता है फिर भी बिल अधिक आता है। इसकी शिकायत की गई मगर कर्मचारी बिल ठीक करने के लिए पैसे की डिमांड करते हैं।

वर्जन

अभी रेवेन्यू का कार्य चल रहा है। इसलिए निविदा कर्मचारियों को पटल परिवर्तन नहीं किया जा सकता। निविदा पर नये कर्मचारियों की भर्ती होनी है। इसके बाद पुराने कर्मचारियों का तबादला किया जाएगा। अगर शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

एके सिंह, अधीक्षण अभियंता महानगर