- पूर्व अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालकों ने राजाजी के डायरेक्टर सनातन सोनकर के खिलाफ लिखा पत्र

- राजाजी टाइगर रिजर्व में गुलदार के एनकाउंटर पर उठाए सवाल

DEHRADUN: 11 जुलाई की रात को राजाजी टाइगर रिजर्व में एक गुलदार को आदमखोर बताकर गोली मार दिये जाने के मामले में सवाल उठने लगे हैं। वन्य जीवों से जुड़े दो पूर्व अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालकों ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए राजाजी के डायरेक्टर सनातन सोनकर का कठघरे में खड़ा किया है।

पत्र लिखकर उठाये सवाल

राजाजी के पूर्व अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालक राजीव मेहता और नैनीताल के पूर्व अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालक दिनेश चन्द्र पांडे ने मुख्य सचिव, भारत सरकार के सहायक महानिरीक्षक वन्य जीव, एनटीसीए नई दिल्ली के सचिव, राज्य के प्रमुख वन संरक्षक और मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर गुलदार को गोली मारने पर सवाल उठाये हैं।

ये हैं आपत्तियां

पत्र में कहा गया है पिछले कुछ सालों के दौरान राजाजी टाइगर रिजर्व में गुलदार 21 लोगों को मार चुके हैं। 12 गुलदारों को आदमखोर घोषित करके 11 को पकड़ा भी जा चुका है। उनका कहना है मारा गया गुलदार लंगड़ा कर चल रहा था, उसका पेट भी खाली दिख रहा था, इसके बावजूद उसे ट्रैंक्युलाइज करने के बजाय गोली मारने की जरूरत क्यों पड़ी।

गुलदार का कटा हुआ था पंजा

पत्र में कहा गया है कि गुलदार का एक पंजा कटा हुआ था, पूरी संभावना है कि उसका पंजा शिकारियों द्वारा लगाये गये खटके से कटा था, आपसी संघर्ष में पंजा कटने की संभावना नहीं होती। पत्र में यह भी कहा गया कि जिस जगह गुलदार को गोली मारी गई, उससे करीब एक किमी दूर एक बस्ती है, यहां कई बार लोगों को वन्य जीवों के अंगों के साथ पकड़ा जा चुका है।

बिना अनुमति के लगाए पिंजरे

आरोप लगाया गया है कि डायरेक्टर ने मुख्य जीव प्रतिपालक की अनुमति के बिना टाइगर रिजर्व के इस क्षेत्र में गुलदारों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगावाये हैं और कई मानव पुतले बनाकर उनपर मानव रक्त का छिड़काव करवाया है।

डायरेक्टर को बताया अनुभवहीन

पत्र में राजाजी टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर सनातन सोनकर अनुभवहीन बताया गया है और कहा गया है कि वे वन्य जीव प्रबंधन ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। इसीलिए वन्य जीव मानव आबादी की ओर रुख कर रहे हैं। पत्र में सनातन को इस पद से हटाकर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने की मांग की गई है।

राजाजी टाइगर रिजर्व में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मानव-वन्य जीव संघर्ष बढ़ रहे हैं। 21 लोगों की मौत गंभीर मसला है। वित्तीय अनियमितताएं अलग से हैं। कुल मिलाकर नियमानुसार कोई काम नहीं हो रहा है। हमें उम्मीद है हमारे पत्र पर कार्रवाई होगी।

राजीव मेहता, पूर्व अवैतनिक वन्यजीव प्रतिपालक, राजाजी टाइगर रिजर्व।