- चंद्रभागा नदी किनारे चिन्हित किए गए थे 261 अतिक्रमण

- एनजीटी ने दिए थे अतिक्रमण हटाने के निर्देश

- प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त कार्रवाई

देहरादून,

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गंगा स्वच्छता से संबंधित समिति के आदेश के तहत प्रशासन ने नगर निगम की मदद से पुलिस फोर्स की मौजूदगी में चंद्रभागा नदी से अवैध बस्ती हटा दी। इस दौरान प्रशासन को बस्ती वालों का विरोध झेलना पड़ा, पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें काबू में किया।

261 अतिक्रमण किए थे निन्हित

एनजीटी की गंगा स्वच्छता से संबंधित समिति के अध्यक्ष हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश यूसी ध्यानी ने जुलाई में देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार के डीएम सहित संबंधित विभागों के अफसरों की बैठक में गंगा स्वच्छता संबंधी कार्यों की समीक्षा की थी। उन्होंने मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश को सख्त निर्देश दिए। जिसके बाद चंद्रभागा नदी पर 261 अतिक्रमण चिह्नित किए गए। नगर निगम प्रशासन ने 4 अगस्त को संबंधित लोगों को बेदखली नोटिस जारी किए। 6 सितंबर को एनजीटी ने नगर निगम को बस्ती खाली करने के आदेश जारी कर दिए थे। नगर निगम ने अतिक्रमण हटाया मगर छात्रसंघ चुनाव को देखते हुए कार्रवाई बीच में छोड़ दी।

विरोध के बीच 80 परसेंट अतिक्रमण हटाया

मंडे को प्रशासन ने नगर निगम और भारी पुलिस फोर्स की मदद से चंद्रभागा नदी पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। तहसीलदार रेखा आर्य, नायब तहसीलदार करण सिंह के साथ नगर निगम की टीम ने जेसीबी की मदद से बस्ती को तोड़ना शुरू किया तो बस्ती वाले कार्रवाई का विरोध करने लगे। पूरे दिन चले अभियान में प्रशासन ने मौके से 80 परसेंट अतिक्रमण हटा दिया।

महिला ने किया जेसीबी पर पथराव

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बीच एक महिला ने जेसीबी पर पथराव कर दिया। वहां मौजूद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। हालांकि, बाद में उसे छोड़ दिया गया। कार्रवाई का वहां पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने भी विरोध किया। बस्ती वालों का विरोध पुलिस बल की मौजूदगी में ज्यादा न चल सका और प्रशासन ने ताबड़तोड़ अतिक्रमण हटाया।