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LUCKNOW: प्रदेश की बिजली कंपनियां लगभग 85 हजार करोड़ के घाटे में चल रही हैं। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में यह घाटा 10 से 12 हजार करोड़ बढ़ रहा है। ऐसे में भी पावर कारपोरेशन रूटीन कार्यों के लिए अधिकारियों को दोनों हाथ इनाम बांटने में जुटा है। उपभोक्ताओं सेवाओं पर ध्यान न देने और इनाम बांटने के मामले को ऊर्जा मंत्री ने संज्ञान लेकर रिपोर्ट तलब कर ली है।

एमडी ने जारी किया आदेश

पावर कारपोरेशन ने चार मई को आदेश जारी कर कहा कि सरचार्ज समाधान योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उप खण्ड अधिकारियों को 50 हजार, 75 हजार से एक लाख रुपये तक का कैश इनाम दिया जाएगा। ज्यादा अच्छा कार्य करने वाले एसडीओ साहब लोगों को एक सप्ताह का अवकाश भ्रमण प्रदान किया जायेगा। मामले की शिकायत उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से मुलाकात की और एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें उन्होंने मांग रखी कि जब तक बिजली कंपनियां फायदे में न पहुंच जाएं किसी प्रकार का कैश इनाम न दिया जाए।

उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा भार

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि पहले बिजली कम्पनियां बकाया नहीं वसूलती, फिर बकाया बढ़ता है, फिर उसके लिये एकमुश्त समाधान योजना लायी जाती है। जब उसकी वसूली कर लेते हैं तो इनाम बांटा जाता है। जबकि यह बिजली विभाग अपने अधिकारियों को दूसरे विभागों से कहीं अधिक वेतन देता है। लाखों इनाम बांटने का खामियाजा भी बिजली उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई बिजली दरों के रूप में चुकाना होगा।

मंत्री ने तलब की रिपोर्ट

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मामले को गंभीर बताते हुए पावर कारपोरेशन अध्यक्ष को मामले का परीक्षण कर रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

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