कानपुर। अमेरिका में पढाई करने को लेकर अपने माता-पिता द्वारा बनाए जा रहे दबाव के बाद एक मैकेनिकल इंजीनियर ने यूएस का एक फर्जी वीजा बनाया और उस पर यात्रा करने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। क्राइम ब्रांच की यूनिट VIII ने मंगलवार को मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सूरत के रहने वाले 23 वर्षीय मलय रावजीभाई डावरे को गिरफ्तार किया। डावरे ने पुलिस को बताया कि उसके माता-पिता मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद उसे आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने के लिए कह रहे थे। इसके लिए उसने जीआरई और टीओईएफएल का एग्जाम भी दिया लेकिन वह क्लियर नहीं हो पाया।

इस तरह परिवार को बनाया बेवकूफ

जीआरई (ग्रेजुएट रिकॉर्ड परीक्षा) एक स्टैंडराइज़्ड परीक्षा है, जिसकी आवश्यकता अमेरिका के ज्यादातर कॉलेजों में एडमिशन के लिए होती है। इसके बाद टीओईएफएल (टेस्ट ऑफ इंग्लिश ऐज ए फॉरेन लैंग्वेज) भी एक स्टैंडराइज़्ड परीक्षा है, जिसकी आवश्यकता इंग्लिश कॉलेज में एडमिशन लेने वाले बाहरी देशों के छात्र की अंग्रेजी समझने की क्षमता को जानने के लिए होती है। इस दोनों परीक्षाओं में असफल होने के बाद डावरे ने अपने माता-पिता को बेवकूफ बनाने का फैसला किया और फोटोशॉप सॉफ्टवेयर का उपयोग करके एक फर्जी वीजा स्टैंप तैयार किया। फिर उसने अपने परिवार को बताया कि उसने यूएसए में आगे की पढ़ाई के लिए क्वालीफाई कर लिया है और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में एडमिशन भी मिल गई है।

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फ्लाइट पकड़ने के लिए आया मुंबई

इसके बाद डावरे अपने पासपोर्ट में फर्जी वीजा लगाकर मुंबई एयरपोर्ट पर अमेरिका की फ्लाइट पकड़ने के लिए आया। अधिकारियों ने तुरंत यह पता लगा लिया कि वीजा नकली है और स्थानीय पुलिस को भी इस बात सूचना दे दी। पुलिस को पहले लगा कि डावरे को फर्जी एजेंटों ने धोखा दिया है लेकिन बाद में पूछताछ के बाद पता चला कि उसने परिवार के दबाव के कारण फर्जी वीजा स्टैंप बनाया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसका पासपोर्ट व लैपटॉप जब्त कर लिया। पुलिस को उसके लैपटॉप में फर्जी वीजा की एक सॉफ्ट कॉपी भी मिली।

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