- सिटी में रहने वाले इंजीनियर्स की पहल पर सिटी में भी होगी 'ब्लड कनेक्ट यूनिट'

- ब्लड की जरूरत पड़ने पर खुद पहुंचेंगे बडिंग इंजीनियर्स

- आईआईटी दिल्ली के स्टूडेंट्स से इंस्पायर एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स ने की पहल

- आईआईटी दिल्ली की ब्लड कनेक्ट यूनिट के कानपुर, रोपड़, जयपुर में ब्रांच

-लखनऊ कोलकाता और गोरखपुर में भी होगी यूनिट

GORAKHPUR : इंजीनियर्स, जिनका जिक्र आते ही बड़ी-बड़ी इमारतें, डैम और ब्रिज की तस्वीर बन जाती है। इंजीनियरिंग की फील्ड में दम दिखाने वाले होनहारों ने अब सोशल राह पर चलते हुए बड़े पैमाने पर ब्लड डोनेशन में भी हिस्सेदारी शुरू कर दी है। बडिंग इंजीनियर्स की 'ब्लड कनेक्ट' सोसाइटी की इस पहल से न सिर्फ सैकड़ों लोगों की जान बच रही है, बल्कि इससे यूथ कंट्री में हमेशा से ही बड़ी प्रॉब्लम 'ब्लड क्राइसिस' से लड़ने में अहम रोल प्ले कर रहे हैं।

एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स ने की पहल

ब्लड की रेग्युलर क्राइसिस को देखते हुए अब एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स ने भी पहल की है। लोकल लेवल पर कॉलेज में ऑर्गेनाइज होने वाले ब्लड डोनेशन कैंपेन में स्टूडेंटस का इंटरेस्ट देखते हुए यहां पर भी ब्लड कनेक्ट यूनिट फॉर्म करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए हाल ही में वैलेंटाइन पर एमएमएमयूटी में ब्लड डोनेशन कैंप भी ऑर्गेनाइज किया गया था। जिसमें 35 यूनिट ब्लड कलेक्ट हुआ था। ब्लड कनेक्ट के रूल के अकॉर्डिग अगर दूसरा कैंप भी सक्सेज होता है तो यहां पर ब्लड कनेक्ट की यूनिट फॉर्म की जाएगी, जो सिटी में ब्लड क्राइसिस को दूर करेगी।

गोरखपुराइट्स ने इंट्रोड्यूस किया आइडिया

ब्लड कनेक्ट यूनिट का आइडिया सिटी के रहने वाले दो बडिंग इंजीनियर्स सुधीर और वैभव ने इंट्रोड्यूस किया है। यह दोनों ही आईआईटी दिल्ली से बीटेक कर रहे हैं। वैभव की मानें तो आईआईटी दिल्ली में ब्लड कनेक्ट यूनिट की शुरुआत 2010 में हुई। प्राइमरी स्टेज में सिर्फ हेल्पलाइन स्टार्ट की गई, जिसे ब्लड की जरूरत होती वह इन हेल्पलाइन पर कॉल करता है, इस पर डोनर जाकर जरूरतमंदों को ब्लड डोनेट कर आता। इस हाईटेक एरा में स्टूडेंट्स ने अपनी कनेक्टिविटी को ब्रॉड करने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स और वेबसाइट का भी सहारा लिया है। जिसके थ्रू पूरे दिल्ली में जिसे भी ब्लड की जरूरत हो, वह एफबी पर बने पेज पर अपनी रिक्वायरमेंट पोस्ट करे, वहां के आसपास के एरियाज में रहने वाले डोनर उनकी रिक्वायरमेंट पूरी करेंगे।

सिटी विल आल्सो बी 'ब्लड कनेक्टेड'

एमएमएमयूटी में ब्लड कनेक्ट यूनिट फॉर्म होने के बाद सिटी में भी ब्लड की प्रॉब्लम नहीं होगी। एमएमएमयूटी के स्टूडेंट शगुन कृष्ण अग्रवाल ने बताया कि आईआईटी के सुधीर और वैभव से उनकी बातचीत हुई है। एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स में ब्लड डोनेशन में एक्टिव पार्टिसिपेशन को देखते हुए यहां भी यूनिट फॉर्म करने की तैयारी की जा रही है। फ‌र्स्ट कैंप वैलेंटाइन डे पर ऑर्गेनाइज हुआ था, जबकि सेकेंड कैंप मार्च के ही लास्ट में ऑर्गेनाइज होगा। इसके बाद यहां पर भी दिल्ली की तर्ज पर ब्लड डोनेट करने के लिए बडिंग इंजीनियर्स पार्टिसिपेट करेंगे।

सिटी के कॉलेजेज से करेंगे कॉन्टैक्ट

शगुन ने बताया कि जिस तरह दिल्ली में ब्लड क्राइसिस से निपटने के लिए आईआईटी दिल्ली के स्टूडेंटस ने पहल की है, वैसे ही वह सिटी में ब्लड क्राइसिस से निपटने के लिए तैयार है। इसके लिए प्राइमरी स्टेज पर कॉलेज में मेंबर्स बनाए जाएंगे, इसके बाद सिटी में मौजूद प्राइवेट कॉलेजेज और यूनिवर्सिटी से कॉन्टैक्ट किया जाएगा और वहां भी ब्लड कनेक्ट यूनिट की ब्रांचेज फॉर्म की जाएंगी। जिससे कि सिटी में इमरजेंसी ब्लड की जरूरत पड़ने पर आसानी से डोनर मिल सके।

थ्री वे टू कनेक्ट

ब्लड क्राइसिस को दूर करने के लिए तीन रास्ते अख्तियार किए जा रहे हैं। इसमें ब्लड डोनेशन के लिए हेल्पलाइन, कैंप्स और अवेयरनेस सेशन शामिल है। ब्लड कनेक्ट डोनर और नीडी लोगों के बीच एक चैनल के तौर पर वर्क करता है। इसमें सबसे ज्यादा सोशल नेटवर्किंग और उनकी वेबसाइट bloodconnect.org हेल्पफुल है। जिसमें रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आपको आसानी से ब्लड मिल सकता है।

यहां भी होगी ब्लड कनेक्ट यूनिट

कानपुर, रोपड़, जयपुर, लखनऊ, कोलकाता, चंडीगढ़, हरयाणा, गोरखपुर।