मुंबई (रायटर्स)। अगले महीने पाकिस्तान के अपने दौरे को छोड़ने के टीम के फैसले में इंग्लैंड के क्रिकेटरों की कोई भूमिका नहीं थी। इस बात की जानकारी खिलाड़ियों के संघ ने दी है। बता दें दौर छोड़ने के प्रकरण की शुरुआत कीवी टीम के साथ हुई थी। रावलपिंडी में अपनी सरकार की ओर से सुरक्षा अलर्ट का हवाला देते हुए, न्यूजीलैंड ने मैच शुरु होने के कुछ मिनट पहले रावलपिंडी में अपने दौरे को अचानक छोड़ने का फैसला किया। जिसके बाद कीवी टीम पाकिस्तान से स्वदेश लौट आई।

क्रिकेटरों से नहीं ली गई कोई सलाह
न्यूजीलैंड के वापस आने के बाद इंग्लैंड को भी कुछ हफ्तों में पाक दौरा करना था मगर इंग्लिश टीम ने भी कीवियों की तरह दौरा रद करने का एलान कर दिया। बोर्ड ने खिलाड़ियों की "मानसिक और शारीरिक भलाई" का हवाला देते हुए, अपने पुरुष और महिला टीमों के पाकिस्तान दौरे को रद्द कर दिया। टीम इंग्लैंड प्लेयर पार्टनरशिप (टीईपीपी), जो इंग्लैंड के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करती है, उन्होंने कहा कि टूर कैंसिल करने को लेकर क्रिकेटरों से कोई इनपुट नहीं मांगा गया था।

प्लेयर्स को दोष देना गलत
टीईपीपी के अध्यक्ष रिचर्ड बेवन ने शुक्रवार को प्रकाशित एक लेख में वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया, "किसी भी स्तर पर टीईपीपी ने ईसीबी को सूचित नहीं किया कि खिलाड़ी दौरा नहीं करेंगे। किसी भी स्तर पर ईसीबी ने कभी भी टीईपीपी या टीमों, पुरुषों और महिलाओं से नहीं पूछा कि क्या दौरा आगे बढ़ना चाहिए या क्या खिलाड़ी पाकिस्तान दौरे के लिए तैयार थे। यह सुझाव देना 100% गलत है कि टीईपीपी ने यह कहने के लिए हस्तक्षेप किया कि खिलाड़ी दौरा नहीं करेंगे।"

पाकिस्तान में क्रिकेट का खतरा
2009 में लाहौर में श्रीलंकाई टीम की बस पर हुए घातक हमले के बाद लगभग एक दशक तक अन्य क्रिकेट देशों ने पाकिस्तान से किनारा कर लिया था, लेकिन हाल ही में पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी हुई थी। इंग्लैंड की पुरुष टीम को 13 और 14 अक्टूबर को रावलपिंडी में दो ट्वेंटी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने थे, जिसमें महिला टीम 17-21 अक्टूबर तक तीन मैचों की एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के लिए रुकी हुई थी।
हालांकि पूर्व खिलाड़ियों ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के इस फैसले की आलोचना की थी।

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