ईपीएफओ की हेल्प से कामगार बैंक खोलने के इस प्रस्ताव पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 19 दिसंबर को हुई मीटिंग में विचार हुआ. सीबीटी इंप्लायज प्राविडेंट फंड ऑग्रेनाइजेशन (EPFO) के डिसीजन लेने वाली टॉप बॉडी है.

लेबर मिनिस्ट्री के एक सीनियर ऑफीशियल ने बताया कि ईपीएफओ के फंडों का यूज करते हुए कामगार बैंक बनाने के प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है. क्या डिस्कशन और एक्सेप्टेंस के लिए इसे जल्द ही डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) को भेजा जाएगा? इसके जवाब में उनका कहना था कि निश्चित रूप से इसे विभाग को भेजा जाएगा.  लेकिन, इससे पहले प्रस्ताव को मजबूत आकार दिया जाएगा.

दिसंबर में हुई मीटिंग में बोर्ड इस डिसीजन पर पहुंचा कि ईपीएफओ के लिए कामगार बैंक को गठित करना सबसे अच्छा कदम होगा. इससे न केवल कांट्रीब्यूटर्स की फाइनेंशियल नीड्स को पूरा किया जा सकेगा, बल्कि रिटर्न में भी सुधार होगा. मीटिंग के उपलब्ध मिनट्स के अनुसार, तत्कालीन लेबर सेकेट्ररी गौरी कुमार ने कहा था कि ईपीएफओ के पास भले ही कामगार बैंक चलाने की केंद्रीय क्षमता न हो, लेकिन बैंक के लिए सुझाव डीएफएस को भेजे जा सकते हैं.

प्रस्ताव पर एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कामगार बैंक को खोलने के लिए यह उचित समय नहीं है. ईपीएफओ अभी सेवाओं की डिलीवरी में सुधार के साथ कई अन्य कामों में जुटा है.

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