यूरोप के लोग एक बार फिर इंडिया के रसीले आमों का टेस्ट ले सकेंगे. दरअसल, यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने इनके इंर्पोट पर लगा बैन ट्यूजडे को हटा लिया. हालांकि चार वेजिटेबल्स बैंगन, करेला, अरबी और चिचड़ा पर बैन कांटीन्यू् रहेगा. ईयू की एक कमेटी ने इंडियन आम से बैन हटाने के फेवर में यूनैमियस वोट किया. इसे यूरोपीय कमीशन द्वारा पब्लिश और एक्सेप्ट करने के बाद भारत आमों का एक्सपोर्ट फिर से कर सकेगा. इस प्रोसेज में करीब एक महीने का वक्त लगेगा.

लास्ट ईयर मई में ईयू ने भारतीय आमों में कीडे़ मिलने का रीजन देते हुए इनके इंर्पोट पर दिसंबर 2015 तक बैन लगाने का एक्शन लिया था. उसका लॉजिक था कि ये कीड़े क्रॉप को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ब्रिटेन ने ईयू के इस इस डीसीजन को वेलकम किया है. उसने दावा किया कि इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने काफी प्रयास किए. ट्यूजडे को ये इनफारमेशन देते हुए भारत में ब्रिटिश हाई कमीशन सर जेम्स बेवन ने बताया, ‘ब्रिटिश सरकार ने भारतीय आम से बैन हटाने के लिए कठिन प्रयास किए. सितंबर 2013 में ईयू के सर्वे से पहले ब्रिटेन ने टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए इंडिया को एक्सपर्टस की फेसेलिटी अवेलेबल कराई थी. यह इंडिया-ब्रिटेन और इंडिया-ईयू के बीच बिजनेस रिलेशंस के लिए अच्छी खबर है. स्पेशियली इंडियन एक्सर्पोटर और ब्रिटिश कंल्यूमर निश्चित रूप से इस सुनकर एक्सा्इटेड होंगे. हमें खुशी है कि बैन रिमूव करने में हमने इंर्पोटेंट रोल प्ले किया.’ ईयू कंट्रीज में फलों और सब्जियों के कुल इंर्पोट के लिए ब्रिटेन के बाद नीदरलैंड्स, जर्मनी और बेल्जियम का नंबर आता है.

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