पीपीयू में चल रही है पीएचडी एडमिशन टेस्ट की तैयारी

- रिटेन टेस्ट में क्वालिफाई करने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत है अनिवार्य

PATNA :

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) की स्थापना को दो साल से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन इसके बाद भी तमाम विषयों में पीजी के विषय संचालित करने की बात झूठी ही रही है। यही वजह है कि हाल ही में पीपीयू की ओर से प्री पीएचडी टेस्ट में विषयों की सूची जारी करने पर इससे वंचित सैकड़ों छात्र भड़के हुए हैं। छात्रों की एक ही मांग है कि आखिर जिस जोश के साथ पीपीयू की स्थापना के समय यह दावा किया गया था कि इस विश्वविद्यालय में तमाम विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरु होगी उनके उपर पीपीयू प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। अब मांग यह हो रही है कि जब तक सभी प्रमुख विषयों में छूट गए संबंधित विषयों का संचालन नहीं होगा तब तक चंद विषयों में प्री पीएचडी टेस्ट की सूची पर आगे कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।

वजह दुरुस्त, काम सुस्त

दरअसल पीजी के कई विषय अब तक पीपीयू के कॉलेजों में संचालित नहीं हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि यहां शिक्षकों के तमाम पद रिक्त हैं। इसमें जिन विषयों में शिक्षक के पद रिक्त हैं, उसमें तकनीकी तौर पर प्री पीएचडी टेस्ट की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। पीपीयू के सूत्रों के अनुसार फिलहाल 582 पद रिक्त हैं।

साल बीता, समस्या नहीं

शिक्षकों की कमी की समस्या बीते दो वर्ष से हैं। जबकि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया साल भर पहले शुरू की गई थी, जो कि अब तक लंबित है। दरअसल गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से यह बहाली होनी थी लेकिन इसमें राजभवन के निर्देश की अनदेखी करते हुए पीपीयू ने कछुआ चाल का ही परिचय दिया है। तमाम विषयों में आवेदन निकाले जाने के बावजूद अब तक इंटरव्यू की प्रक्रिया चंद विषयों में ही पूरी हो सकी है।

सवाल छात्रों के भविष्य का है

इस मामले पर पीपीयू के सीनेट सदस्य राधेश्याम एवं छात्र नेता आशुतोष कुमार (सोनू) ने रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार से मिलकर प्री पीएचडी टेस्ट शुरू करने के लिए धन्यवाद किया लेकिन कई महत्वपूर्ण विषयों को छोड़ दिए जाने को छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि इस लिस्ट में मैनेजमेंट, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, लाइब्रेरी साइंस, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, बायोटेक्नोलाजी, मैथिली आदि विषय शामिल नहीं हैं। राधेश्याम ने इसे अदूरदर्शी रवैया बताते हुए सभी विषयों को शामिल करने की मांग की है। वहीं, एएन कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा कि जब तक सभी विषयों में पीएचडी जारी नहीं होती है तब तक इसमें अप्लाई के लिए डेट जारी नहीं होनी चाहिए।

अभी जिन विषयों को अनुमति मिल चुकी है राजभवन से केवल उन्हीं में पीएचडी के लिए इंट्रेंस होगा। अन्य विषयों पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया जा सकता है।

- प्रो जीके चौधरी, प्रो वीसी पीपीयू

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पैट में शामिल विषय एवं सीटें

- हिस्ट्री - 47

- पॉलिटिकल साइंस -70

- ज्योग्राफी - 17

- इकोनॉमिक्स- 79

- साइकोलॉजी - 75

- सोशियोलॉजी - 17

- होम साइंस - 10

- म्यूजिक - 02

- फिजिक्स - 53

- केमिस्ट्री - 75

- बॉटनी - 33

- जूलाजी - 35

- मैथ - 40

- फिलॉस्फी - 40

- हिंदी - 68

- अंग्रेजी - 82

- संस्कृत - 28

-उर्दू - 23

- कॉमर्स -38