न्यूयाॅर्क (आईएएनएस)। वाल्व लगा एन-95 मास्क सुरक्षित नहीं है। इसके वाल्व से होकर जानलेवा कोरोना वायरस आसानी संक्रमित कर रहा है। यदि कोई कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है तो हवा में उसके सूक्ष्म ड्राॅपलेट फेस शील्ड के वाइजर से नहीं रुकते और वे आसानी से संक्रमित कर देते हैं।

फेस शील्ड से और फैल जाते हैं ड्राॅपलेट्स

फ्लोरीडा अटलांटिक यूनिवर्सिटी (एफएयू) में सी टेक के प्रोफेसल और डाइरेक्टर मनोहर धनक ने कहा कि फेस शील्ड के वाइजर से टकरा कर वायरस से भरे सूक्ष्म ड्राॅपलेट्स हर दिशा में और ज्यादा एरिया कवर करते हुए फैल जाते हैं। हालांकि ऐसा होते वक्त वायरस युक्त ड्राॅपलेट कंसंट्रेशन में कमी आ जाती है।

वाइजर के नीचे से संक्रमित करते हैं वायरस

एफएयू के डिपार्टमेंट ऑफ ओशियन एंड मकैनिकल इंजीनियरिंग के एक टेक्निकल प्रोफेशनल जाॅन फ्रैंकफील्ड और एक लीड ऑथर सिद्धार्थ वर्मा के साथ धनक ने अपने शोध पत्र में कहा है कि ऐसा पाया गया है कि फेस शील्ड आमतौर पर हवा में तैर रहे सूक्ष्म कणों को रोकने में सक्षम है। हालांकि लेकिन जोर से छींकने या खांसने के बाद हवा में मौजूद कण आसानी से फेस शील्ड के वाइजर के नीचे से होते हुए संक्रमित कर देते हैं।

एन-95 मास्क के वाल्व से निकलते हैं ड्रापलेट्स

शोध में पता लगा है कि एन-95 मास्क के वाल्व के गैप से थोड़ी मात्रा में ड्राॅपलेट्स बच निकलते हैं। जो आसानी से किसी को भी संक्रमित कर सकते हैं। फिजिक्स ऑफ फ्लूइड जर्नल में प्रकाशित एक शोध में यह कहा गया है कि वाल्व मास्क की क्षमता को कम करके उसे बेअसर कर देता है। इससे बड़ी मात्रा में निकलने वाले ड्रापलेट्स फिल्टर नहीं होते और बिना बाधा के बाहर निकल कर संक्रमण फैलाते हैं।

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