-न छूटे वोट का अधिकार, एक दिन पहले ही करा लिया डिसचार्ज

-वोटिंग का दिखा उत्साह, कंडीशन न होने के बावजूद पहुंचे पोलिंग सेंटर

GORAKHPUR: सरकार किसकी बनेगी, यह तो क्म् मई को डिसाइड होगा। मगर सरकार बनाने के लिए अपने मत के अधिकार का यूज करने के लिए गोरखपुराइट्स में गजब का उत्साह नजर आया। युवाओं में वोट डालने का जोश था तो ओल्ड एज के लोग भी अपने एक्सपीरियंस का इस्तेमाल करना चाहते थे। वोट डालने का क्रेज मरीजों में भी कम नहीं दिखा। हॉस्पिटल में इलाज करा रहे वे मरीज, जिनका बेड से उठना भी मुश्किल था, वह भी वोट डालने पोलिंग बूथ पहुंचे। मरीजों के इस उत्साह को देख डॉक्टर्स ने उन्हें पोलिंग सेंटर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की।

वोट डालना है जरूरी

वोट डालना जरूरी है। फिर चाहे नए वोटर हो या ओल्ड एज। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज से लेकर सिटी के डिफरेंट नर्सिगहोम में एडमिट मरीज भी पीछे नहीं रहे। डॉक्टर्स के मुताबिक संडे को छुट्टी होने के कारण आमतौर पर एक भी मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया जाता है। मगर मंडे को इलेक्शन के कारण सभी हॉस्पिटल में संडे नाइट तक करीब क्भ्0 से अधिक मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिससे वे अपने मत का इस्तेमाल कर सकें। वहीं कई मरीजों ने प्राइवेट वैकिल से जाकर पोलिंग सेंटर पर वोट डाला तो कई हॉस्पिटल ने मरीजों को पोलिंग सेंटर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की।

सात दिन पहले मेरी तबीयत अचानक काफी बिगड़ गई थी। मैं बेहोश होकर गिर पड़ा था। तब परिजन ने मुझे हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। हाटा में इलेक्शन है। मुझे भी वोट डालना है। यह बात मैंने डॉक्टर को बताई तो उन्होंने एंबुलेंस की व्यवस्था कर दी। मैं एंबुलेंस से हाटा वोट डालने जा रहा हूं।

सुनील यादव, पेशेंट

हॉस्पिटल में कई मरीज एडमिट हैं। जिनकी कंडीशन ठीक थी, उन्हें वोट डालने के लिए एक दिन पहले ही रिलीव कर दिया गया। वहीं जिन मरीजों का इलाज चल रहा है, उनके लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। जिससे वे अपने एरिया के पोलिंग सेंटर पर जाकर अपने मत का इस्तेमाल कर सकें। बीमार होने के बाद भी मरीज वोट डालने के लिए काफी उत्साहित थे।

डॉ। सीमा सिंह, मेट्रो हॉस्पिटल

पिछले तीन दिन में कई मरीजों का आपरेशन हुआ है। जिनका इलाज अभी चलना था। मगर वोटिंग को देखते हुए उन्हें संडे नाइट तक हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। जिससे वे अपने मत का इस्तेमाल कर सकें।

डॉ। पीएन जायसवाल

नर्सिगहोम में संडे मॉर्निग तक कई लोग एडमिट थे। मगर मंडे को वोटिंग होने के कारण कई मरीज वोट डालने अपने घर जाना चाहते थे। इसलिए कंडीशन को देखते हुए अधिकांश मरीजों की दवा देकर छुट्टी कर दी गई।

डॉ। वीएन अग्रवाल