- महिला पुलिसकर्मी और हॉस्पिटल में तैनात महिला कर्मी निभा रहीं दोहरी भूमिका

LUCKNOW : मां की ममता को शब्दों को बयां नहीं किया जा सकता है। वह जीवन में आने वाली कठिनाइयों का बाखूबी सामना करते हुए अपने बच्चों के चेहरे पर हमेशा मुस्कान बिखेरती है। कोरोना के इस संक्रमण काल में मां की दोहरी भूमिका देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां वह अस्पताल से लेकर खाकी वर्दी पहन अपने फर्ज को निभा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ अपने बच्चों से दूर होने के बाद भी नियमित रूप से किसी न किसी माध्यम से उनसे जुड़कर उनका ख्याल भी रख रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने मां के समर्पण, प्रेम और त्याग की अनूठी छवि को पेश करने की एक छोटी सी कोशिश की है।

1. वीडियो चैट से होती है बात

मेरी मॉम डॉ। कंचन मिश्रा लोकबंधु हॉस्पिटल में काम करती हैं। उनकी ड्यूटी कोविड 19 वार्ड में होने से वो हम लोगों से दूर हैं। उनको हम लोग रोज मिस करते हैं ,लेकिन मेरी मॉम इतना बड़ा काम भी तो कर रही हैं। वो कोरोना से लड़ रहे पेशेंट की ठीक होने में मदद कर रही हैं इसलिए पापा ही घर पर हम लोगों की देखभाल कर रहे हैं। मॉम से रोज वाट्सएप और वीडियो चैट होती है। जब भी हम लोगों को कुछ समझ नहीं आता तो उनको फोन कर लेते हैं। वो हम लोगों की हॉस्पिटल से भी पढ़ाई में मदद करती हैं। आई एम प्राउड ऑफ माई मॉम

अर्णब व सान्वी बेटा व बेटी

2. मां निभा रही अपना फर्ज

मेरी मां कंचन यादव लोकबंधु हॉस्पिटल में जॉब करती हैं। उनके ऊपर कोरोना पेशेंट को दवा व खाना देने की जिम्मेदारी है। थोड़ा डर तो लगता है, लेकिन यही तो उनका काम है। हम जानते हैं कि अगर वो नहीं करेंगी तो और कौन करेगा। छोटी बहन अन्वी जब भी रोती है तो हम लोग वीडियो चैट करते हैं। पापा भी जॉब करते हैं। ऐसे में दादा-दादी हम लोगों का पूरा ख्याल रख रहे हैं। मां की याद तो बहुत आती है इसलिए उनसे फोन, वाट्सएप या वीडियो से बात करते हैं। उनको देखकर मुझे गर्व होता हे कि मेरी मां इतना अच्छा काम कर रही हैं। वो दुनिया की सबसे अच्छी मां हैं।

आदित्य यादव, बेटा

3. शाम की प्रेयर के साथ

मॉम एलिजाबेथ जेम्स लोहिया हॉस्पिटल में नर्स का काम करती हैं। उनकी ड्यूटी कोविड 19 में लगी हुई है। ऐसे में पापा हम सभी भाई-बहनों का ध्यान रखते हैं। इस समय हर कोई कोरोना से डर कर भाग रहा है जबकि मॉम डटकर अपना फर्ज निभाते हुये अपनी ड्यूटी कर रही हैं। मैं घर पर बड़ी हूं इसलिए पापा की हर काम में मदद करती हूं। मॉम से डेली वीडियो चैट होती है। सबसे स्पेशल हम लोगों के लिए शाम का टाइम होता है जहां पूरी फैमिली वीडियो पर आकर साथ में ईवनिंग प्रेयर करते हैं।

क्वीनी, बेटी

4. हमें मां पर गर्व है

मां रितु रानी केजीएमयू में नर्स हैं। वह कोरोना पेशेंट की मदद फ्रंटलाइन में आकर कर रही हैं। मां को हम लोग रोज मिस करते हैं, लेकिन मिल नहीं सकते हैं इसलिए फोन और वीडियो चैट से हम कनेक्टेड रहते हैं। मेरे टेस्ट भी चल रहे थे। ऐसे में मां ने ही वीडियो चैट के सहारे मुझे पढ़ने में मदद की। पापा हमारी देखभाल कर रहे हैं थोड़ा डर तो लगता है कि मां इतने खतरे के साथ काम कर रही हैं, लेकिन हम सभी को अपनी मां पर गर्व है कि वो अपना काम बखूबी से निभा रही हैं।

दक्ष यादव, बेटा

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मेरी प्यारी मां

मेरी प्यारी मां का नाम एसीपी रश्मि श्रीवास्तव है। उन्हें मदर्स डे की बहुत बहुत बधाइयां। दुनिया की सारी शक्ति मिला दी जाये तो भी मां की ममता की शक्ति के सामने वह तुच्छ है। मां मेरे कण-कण में समाई हुई हैं। तुम्हारा प्यार जैसे हमारा दिल हो और तुम्हारी दी गई सीख हमारा उन्नत ललाट हो, तुम्हारे द्वारा दिए गए संस्कार हमारे वस्त्र हैं और हमें देखकर

तुम्हारा गर्वित हो जाना हमारा श्रंगार। तुम्हारा ममतामयी आंचल तो हमारे ढाल और कवच हैं। एक पुलिस अफसर होने के चलते कठिन और लंबी ड्यूटी निभाने के बावजूद तुमने अपने प्यार को कभी कम नहीं होने दिया। सैल्यूट यू मां।

लहर, बेटी

मां के लिए स्पेशल प्लान

मां शारदा चौधरी महिला थाने में इंस्पेक्टर हैं। एक जिम्मेदार पोस्ट पर होने के कारण कई बार हमें उसने मिलने का मौका कम मिल पाता है। लॉकडाउन के दौरान हमारी बीच की दूरियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। ड्यूटी पर होने के बावजूद वह हमारा ख्याल रख रही हैं। मदर्स डे पर मां के लिए कुछ स्पेशल करने का प्रोग्राम प्लान किया है। हमें उम्मीद है कि हमारा स्पेशल प्रोग्राम उन्हें बहुत पसंद आएगा।

यशदीप व अंकित सिंह शेखर

मां जैसा कोई नहीं

मां विभा गोस्वामी डीसीपी नार्थ ऑफिस में कांस्टेबल हैं। सुबह से शाम तक ड्यूटी पर रहती हैं। बहुत कम समय मिलता है जब हम दोनों एक साथ रहते है। जब मिलते हैं तो एक दूसरे से दिन भर की बात शेयर करते हैं। मदर्स डे पर मां को स्पेशल गिफ्ट देने की प्लानिंग है हालांकि मां को लॉकडाउन ड्यूटी से समय कम मिल पाता है इसलिए मैंने रात में ही उन्हें सरप्राइज गिफ्ट देने का प्लान बनाया है। मां इतनी मेहनत करती हैं। इसके बावजूद मुझे क्रिकेट अकादमी ले जाने और लाने की भी जिम्मेदारी उठाती हैं। दुनिया में मेरी मां जैसी कोई नहीं।

अंकुश गोस्वामी, बेटा