पुलिस वर्दी का रंग इसलिए है खाकी

पुलिस वर्दी कई ग्रेड, क्षेत्र और ड्यूटी के आधार पर निर्धारित की जाती है। द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सन 1800 के दशक में जब भारत में ब्रिटिश सैनिकों ने एक डस्ट रंग के साथ अपनी सफेद वर्दी की रंगाई शुरू की, तब इस रंग को भारतीय शब्द में खाकी का नाम दिया गया। जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश शासन के दौरान साल 1848 में जब एक मिलिट्री ऑफिसर सर हैरी बर्नेट लम्सडेन ने सिर्फ भारत में सभी सैनिकों को खाकी रंग की पोशाक पहनने का आर्डर जारी किया, तब से लेकर आजतक उसी नियम का पालन किया जाता है।

जानें सभी राज्यों में खाकी के बावजूद क्यों अलग है पुलिस की वर्दी

कोलकाता पुलिस की वर्दी

कोलकाता पुलिस की वाइट वर्दी पूरे देश में प्रचलित है। लकिन ऐसा क्यों है, ये बहुत कम ही लोग जानते होंगे। बता दें कि पच्छिम बंगाल की पुलिस को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। हम उनकी वर्दी को देखकर आसानी से तीनों हिस्सों की पहचान कर सकते हैं। खास बात ये है कि कोलकाता पुलिस और बंगाल पुलिस दो अलग-अलग चीजें हैं। अगर कोलकाता पुलिस की बात करें तो उसकी सीमा कोलकाता के शहरों तक ही सीमित है। इसलिए उन्हें अलग रंग की वर्दी निर्धारित की गयी है।

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कर्नाटक पुलिस की वर्दी

समय के साथ कर्नाटक पुलिस की वर्दी में भी बड़ा बदलाव किया गया। जैसे शौर्ट्स की जगह अब पतलून ने ले ली और हेड कांस्टेबल के लिए कुर्ता एवं पुलिस कांस्टेबल को फुल शर्ट पहनने की अनुमति दी गयी। बता दें कि कर्नाटका पुलिस में अभी भी कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को हैट्स पहनने का नियम है। बताया जाता है कि ऑस्ट्रलियन आर्मी के हैट्स को ध्यान में रखते हुए यहां भी इसे पहनने का नियम बनाया गया है।

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पुडुचेरी में वर्दी के साथ लाल टोपी पहनने का नियम

जानकारी के मुताबिक पुडुचेरी पुलिस साल 1954 में फ्रेंच कोलोनियल के बनाये गए नियमों का पालन करती है। बताया जाता है कि फ्रेंच कोलोनियल ने ही सबसे अलग दिखने के लिए वर्दी के साथ लाल टोपी पहनने का निर्द्रेश जारी किया था।

जानें सभी राज्यों में खाकी के बावजूद क्यों अलग है पुलिस की वर्दीनयी डिजाईन की वर्दी तैयार की जायेगी

द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश काल से चली आ रही खाकी वर्दी को कुछ समय बाद खत्म कर दिया जायेगा और इसके जगह अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाईन ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च और डेवलपमेंट की मदद से एक स्मार्ट वर्दी तैयार किया जायेगा, जो सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र पैरामिलिटरी फोर्सेज पर लागू होंगी।

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