क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : सिटी में ट्रैफिक रुल्स को सख्त करने के लिए हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं. लगातार जांच अभियान चल रहा है. ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के घर में ई-चालान भेजा जा रहा है. इस बाबत हर पोस्ट में ट्रैफिक पुलिस के 6 से ज्यादा जवान ड्यूटी संभाल रहे हैं. लेकिन, इसके बाद भी लोग हर घंटे ट्रैफिक रुल्स ब्रेक कर मौत को दावत दे रहे हैं. हाल के दिनों में 80 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 70 फीसदी लोगों ने हेलमेट नहीं पहनने के कारण जान गंवा दी या गंभीर रुप से घायल हो गए. इसको ध्यान में रखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने ऑपरेशन चाकलेट की शुरुआत करते हुए जिन लोगों ने रुल्स तोड़े और सकुशल रहे उनके और उनके परिजनों का मुंह मीठा कराया.

करमटोली चौक पर चला अभियान

सिटी के व्यस्त चौराहे करमटोली चौक पर सोमवार की दोपहर 12 बजे से 5 बजे तक दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने ऑपरेशन चाकलेट चलाया. इस रियलिटी चेक के दौरान करीब 25 से अधिक लोगों को रुल्स तोड़ते पकड़ा गया तो कुछ लोग तेज रफ्तार से जान पर खेलकर रफूचक्कर भी हो गए. जो लोग रुल्स तोड़कर भी सकुशल रहे उनके जीवन की शुभकामनाओं के साथ उन्हें चाकलेट दिया गया. साथ ही ट्रैफिक चालान भी काटा गया. विदित हो कि होली के बाद से विगत 6 दिनों में केवल रिम्स में 100 से ज्यादा दुर्घटनाओं के मामले आ चुके हैं. लोग हर दिन जान गंवा रहे हैं और उनके जाने के बाद उनके परिजनों को बिलखते छोड़ जा रहे हैं.

पुलिस मुस्तैद , बनती है मददगार भी

पुलिस हर चेक पोस्ट पर तैनात है मुस्तैद और कई बार लोगों के लिए मददगार भी बन रही है. रियलिटी चेक के दौरान टैफिक पुलिस मो. शमीम खान ने दो बुजुर्ग महिलाओं को सड़क क्रॉस कराया और उन्हें पानी भी पिलाया.

पकड़े गए लोगों ने कहा

बहुत जरुरी काम से निकले थे सर, गैरेज का गाड़ी लेकर निकल गए हड़बड़ी में हेलमेट नहीं लिए. हिंदपीढ़ी में रहते हैं इधर काम नहीं होता तो काहे के लिए आते .

यासीर आफताब

हम खुद पुलिस वाले हैं बॉस. पीएम सिक्युरिटी में काम करते हैं. बगल के ही मोरहाबादी में ही रहते हैं बस पापा को दो मिनट के लिए छोड़ना था जल्दी में निकल गए.अब इतना बगल के लिए हेलमेट क्या लेते.

अजीत कुमार पांडेय

हम तो स्टूडेंट हैं. हमसे क्या फाइन लेंगे. रातू रोड में रहते हैं और पहले भी एक बार 600 रुपये का फाइन लिया गया है. आज हेलमेट लेकर निकले थे, लेकिन गरमी लग रहा था इसलिए खोल दिए थे.

अमर कुमार

हम पीपी कंपाउंड में रहते हैं हॉस्पिटल का काम था सो जल्दी जल्दी में निकलना पड़ा. ऐसे में घर में ही हेलमेट छूट गया.

राजन कुमार