mohammad.fazil@inext.co.in

LUCKNOW: माना जाता है कि एक फोटो हजार शब्दों के बराबर होती है। आपकी एक फोटो किसी की जिंदगी भर की याद बन जाती हैं। तो किसी के इंसाफ का जरिया। आज के समय में फोटोग्राफी के मायने बदल गये हैं। कुछ ऐसे ही शहर के युवा अपने अंदाज में फोटोग्राफी करने के लिए जाने जाते हैं। जुनून और जज्बा इनमें ऐसा है कि वो मीलों का सफर तय कर डालते हैं। बस एक क्लिक के लिए ये घंटों भूखे पैसे बैठे रहते है ऐसा ही होता है जुनून। कुछ ऐसे ही जूनूनी फोटोग्राफरों से हम आपको आज रूबरू कराने जा रहे हैं।

कैमरे के बगैर नहीं करती सफर

अलीगंज निवासी आयुषी सक्सेना के लिए फोटोग्राफी पैशन है। उन्होंने बताया कि पहले मुझे फोटोग्राफी पसंद नहीं थी। फिर धीरे-धीरे कैसे ये जुनून बन गया पता ही नहीं चला। आज जब कोई मेरी क्लिक की हुई फोटो की तारीफ करता है तो बहुत ही अच्छा लगता है। अब तो ऐसा जुनून है कि मैं बिना कैमरे के बाहर ही नहीं जाती हूं। दिल्ली में जॉब कर रहीं आयुषी ने कहा कि आप में जुनून होना चाहिए कभी-कभी एक परफेक्ट क्लिक के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ता है।

पापा ने गिफ्ट किया कैमरा

आलमबाग निवासी अंकिता के फोटोग्राफी जुनून को देखते हुए उनके पिता ने उनको कैमरा गिफ्ट किया। अंकिता ने बताया कि मैंने डिजिटल कैमरे से फोटो क्लिक की जिसको देखने के बाद मेरे टीचर ने मेरा हौसला बढ़ाया। उसके बाद मैं कहीं भी कुछ देखती थी तो फोटो क्लिक करने लगती थी। जब ये बात मेरे पापा को पता चली तो उन्होंने मुझे कैमरा गिफ्ट किया। मेरे फेसबुक पेज पर हजारों की संख्या में लोग लाइक करते हैं और तारीफ करते है तो अच्छा लगता है। लोगों के इस तरह के रिस्पांस मिलने से हौसला बढ़ता है। फोटोग्राफी के क्रेज के साथ उसमें क्रिएटिव होना बहुत जरूरी है।

एक क्लिक मनाली से लेह तक साइकिल से सफर

फोटोग्राफी का जुनून देखना है तो सौरभ से मिलिए। कल्याणपुर के रहने वाले सौरभ का फोटो के प्रति जुनून ऐसा कि उन्होंने मनाली से लेह तक का करीब 470 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय किया। ताकि उनको फोटो क्लिक करने में कोई परेशानी न हो। सौरभ ने बताया कि साइकिल से सफर करने का मकसद नेचर को करीब से जानना था आराम से चलने के कारण हमें कई ऐसी लोकेशन मिली जिसके बारे में लोगों को पता ही नहीं था। फोटोग्राफी मेरे लिए अब सबकुछ है कैमरे के बगैर मैं अपनी जिंदगी की कल्पना ही नहीं कर सकता।