- मुख्य चुनाव आयुक्त बोले, हारे तो ईवीएम खराब, जीते तो ठीक

- प्रत्याशियों को बतानी होगी देश के साथ विदेश की भी संपत्ति

- 91709 मतदान स्थल

-163331 मतदान केंद्र

-163331 वीवीपैट होंगी यूज

LUCKNOW:

ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाने वाले दलों को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने करारा जवाब दिया है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को तीन दिवसीय यूपी दौरे पर आए सुनील अरोड़ा ने कहा कि अपने फायदे के लिए ईवीएम को फुटबॉल बना दिया गया। चुनाव जीत गये तो ईवीएम ठीक, अगर हार गये तो खराब। वोटर्स समझदार हैं और उनको भलीभांति सही और गलत पता है। वहीं यूपी में चुनाव की चुनौतियों पर कहा कि जाति, धर्म, संप्रदाय आदि के नाम पर झगड़े चिंता का विषय है हालांकि आयोग ने इस बाबत अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है।

प्रत्याशियों की बढ़ी मुश्किलें

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह बोलकर प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा दीं कि आयोग ने फॉर्म 26 में शपथपत्र के प्रारूप में बदलाव किया है। अब प्रत्याशी को पति, पत्‍‌नी, बच्चों एवं आश्रितों की पांच साल की आय का ब्योरा देना होगा। इसमें देश के साथ विदेश की संपत्ति का ब्योरा भी शामिल है। पैन के साथ यह जानकारी देनी होगी। बाद में इनकम टैक्स विभाग इसकी जांच करेगा और विसंगति मिलने पर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सुबह मुख्य सचिव और डीजीपी से मुलाकात के दौरान पिछले चुनाव में प्रत्याशियों पर आचार संहिता के उल्लंघन के जो मामले दर्ज हुए थे उनकी विवेचना की प्रगति के बारे में चर्चा की गयी और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये। हमने पूछा है कि ऐसे मामलों में अब तक क्या एक्शन लिया गया।

'सी-विजिल' एप से रखेंगे निगरानी

लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता एवं अन्य नियमों के उल्लंघन पर निगरानी रखने के लिए 'सी-विजिल' एप लांच होगा। इससे कोई भी चुनाव आचार संहिता संबंधी शिकायत कर सकेगा। वह दो मिनट तक का वीडियो भी अपलोड कर सकेगा। लोकेशन मैपिंग से घटनास्थल की पहचान होगी। इसका समाधान तय समय में होगा। इसे बतौर पायलट प्रोजेक्ट कर्नाटक चुनाव में शुरू किया गया। पांच राज्यों के चुनाव में यह बेहद प्रभावी रहा। लोकसभा चुनाव में इसे पूरे देश में लांच करने की तैयारी है। इसमें किसी बाहुबली की शिकायत करने वाले का नाम गोपनीय रहेगा और उस पर कार्रवाई की जानकारी आयोग के खर्च पर न्यूज पेपर में प्रकाशित की जाएगी। इसके अलावा आयोग 'गो वेरीफाई' कैंपेन चलाएगा ताकि सभी अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकें।

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हम चुनाव कराने को तैयार

युद्ध के हालात को देखते हुए चुनाव टालने के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव अपने समय पर होंगे और हम इसके लिए तैयार हैं। चुनाव में सीपीएमएफ का इस्तेमाल जनता में आत्मविश्वास पैदा करने में होगा। चुनाव में होने वाले खर्च की निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में प्रेक्षक नियुक्त होंगे। हर जिले में आयकर अधिकारी नियुक्त होंगे। फ्लाइंड स्क्वॉयड के वाहनों में जीपीएस होगा। बैंकिंग के जरिए पैसे के लेन-देन की निगरानी होगी। सभी एयरपोर्ट पर एयर इंटेलिजेंस यूनिट्स के आयकर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होगी। सभी चेकपोस्ट पर सीसीटीवी एवं टॉल फ्री नंबर जिले के एक्साइज कमिश्नर के कार्यालय में स्थापित किया जाएगा।

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परमीशन के लिए सिंगल विंडो

निर्वाचन संबंधी अनुमति एवं अनापत्ति 24 घंटे में निपटाने के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था होगी। इसके द्वारा अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों की सभा, रैली, वाहन, अस्थायी निर्वाचन कार्यालय, लाउडस्पीकर आदि से संबंधित अनुमति एवं अनापत्ति सभी विभागों से प्राप्त करते हुए एक ही स्थान पर दी जाएगी। हैलीकॉप्टर के प्रयोग आदि के संबंध में हैलीपैड के प्रयोग के लिए 36 घंटे पहले आवेदन करना होगा।

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राजनैतिक दलों द्वारा दिए गये सुझाव

- कानून-व्यवस्था की निगरानी, महिलाओं की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध हो

- सांप्रदायिक और जाति आधारित भाषणों पर प्रभावी रोक लगे

- मतदान केंद्रों पर सीपीएमएफ हो, पुलिस अफसरों की निष्पक्षता सुनिश्चित हो

- कमजोर वर्ग आसानी से वोट डाल सकें, बाहुबलियों पर सख्ती हो

- धन और शराब के वितरण की आशंका, इस पर प्रभावी रोक लगे

- दलों के खर्च की सीमा तय हो। स्टार प्रचारकों की गाडि़यां चेक न हों

- प्रचार सामग्री को अलग गाड़ी से ले जाने की बाध्यता खत्म हो

- ईवीएम वोटिंग में गोपनीयता हो, मोबाइल पर प्रतिबंध रहे

- सीमावर्ती राज्यों और देशों के व्यक्तियों के वोटर लिस्ट से नाम हटें

- वीवीपैट से अधिक समय लगने से मतदान का समय एक घंटा बढ़े

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मतदाताओं का ब्योरा

स्थिति कुल पुरुष महिलाएं सेवा मतदाता थर्ड जेंडर

वर्तमान 14,40,61,892 7,79,41,577 6,61,11,941 2,55,013 8374

2014 चुनाव 13,87,49,076 7,59,07,488 6,28,34,132 1,40,724 7456

2017 चुनाव 14,15,16,412 7,69,38,225 6,45,70,904 1,30,983 7283

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मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं

रैंप- 95 फीसद

पेयजल- 99.07 फीसद

शौचालय- 98.68 फीसद

बिजली- 88.89 फीसद

प्रतीक्षा कक्ष, शेड- 86.77 फीसद