- 8 साल के बजाए 5 साल के अनुभव की मांग पर अड़े उपनल कर्मी

- स्थाईकरण नहीं किया तो कांग्रेस सरकार बनना मुश्किल: शेखर तिवारी

DEHRADUN: उपनल कर्मियों के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने एक बार फिर सूबे की सियासत गर्म कर दी। शुक्रवार को दून पहुंचे एनडी तिवारी ने पिछले ख्फ् दिनों से आंदोलनरत क्8 हजार उपनल कर्मचारियों के अपना समर्थन दिया और हरीश सरकार को जमकर कोसा। इस दौरान पूर्व सीएम एनडी तिवारी के साथ उनकी पत्नी डॉ। उज्वला शर्मा औ बेटे रोहित शेखर तिवारी भी थे। तिवारी के हवाले से रोहित तिवारी ने धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से कहा कि इस मांग के समर्थन में वे उनके साथ खड़े हैं।

'सरकार को खानी पडे़गी मुंह की'

धरना स्थल पंहुचे रोहित शेखर ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि उपनल कर्मचारियों को स्थाई और संविदा नियुक्ति देने की समय सीमा फ् और भ् साल नहीं होती तो सरकार को चुनावों में मुंह की खानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा उपनल कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में तैनात हैं। प्रदेश के सभी बड़े हॉस्पिटल कूड़ा घर बन गए हैं, यह इसलिए क्योंकि बिल काटने से लेकर सफाई और लैब में बैठने वाला हर एक कर्मचारी उपनल से तैनात है। स्वास्थ्य विभाग की मशीनरी बिना उपनल कर्मियों के किसी काम की नहीं।

स्थाई नियुक्ति की मांग पर अड़े

इस दौरान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भावेश जगुड़ी ने सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में क्9 हजार से ज्यादा उपनल कर्मी हैं जो कि ड्राइवर, सफाईकर्मी, क्लेरिकल स्टॉफ, हॉस्पिटलों में तैनात हैं। ऐसे में लगातार सरकार उन्हें पिछले कई सालों से आश्वासन दे रही है। उन्होंने बताया कि मंगलवार देर रात कैबिनेट ने उपनल कर्मचारियों पर जो भी फैसला लिया है वह संतोषजनक नहीं है।

जंगल में डेढ़ घंटे फंसे रहे एनडी

पूर्व सीएम एनडी तिवारी को फ्लीट के इंतजार में डेढ़ घंटे जंगल में खड़ा रहना पड़ा। गुरुवार को हल्द्वानी से देहरादून आते समय दून पुलिस ने उन्हें फ्लीट नहीं दी, यह आरोप है पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे और सहयोगियों का। गुरुवार रात क्0 बजे के करीब साढ़े ग्यारह बजे तक पूर्व सीएम एनडी तिवारी का काफिला दून पुलिस के फ्लीट के इंतजार में नेपाली फार्म के पास जंगल में रुका रहा। तिवारी के सहयोगियों का आरोप है कि पुलिस को ख् दिन पहले कार्यक्रम की सूचना दी गई थी। लेकिन जानबूझकर पुलिस ने उन्हें फ्लीट नहीं मुहैया कराई। वहीं इस मामले में एसएसपी देहरादून स्वीटी अग्रवाल का कहना है कि पूर्व सीएम को फ्लीट अनुमन्य नहीं है, इसलिए उन्हें स्कॉट मुहैया नहीं कराई गई।

आवास खाली करने में समय

पूर्व सीएम एनडी तिवारी ने सरकारी आवास को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शिथिलता बरतने की उम्मीद जताई है। एनडी तिवारी की बात को साझा करते हुए रोहित शेखर ने कहा कि अभी क्भ् फरवरी तक का समय है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए विशेष एक्ट बनाने की मांग की है। तिवारी ने कहा कि उनके पास अपना कोई आवास नहीं है। ऐसे में सरकारी आवास छोड़कर कहां जाएं। रोहित ने कहा कि इस प्रदेश का पूर्व सीएम होना किसी कसूर से कम नहीं है।